पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम भले देश के अगले राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में उछाला जा रहा हो लेकिन नीतीश इससे इनकार कर रहे हैं. उन्होंने राष्ट्रपति के लिए उनका नाम उछाले जाने पर आश्चर्य जताया है. बुधवार को समाज सुधार अभियान के क्रम में जमुई पहुंचे सीएम नीतीश ने संवाददाताओं से कहा कि ऐसी कोई बात नहीं. मुझे घोर आश्चर्य है कि कैसे मेरा नाम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए उछाला जा रहा है. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी रूचि किस चीज में है. वे किन कार्यो को लेकर दिलचस्पी रखते हैं.
उनसे जब पूछा गया कि 10 मार्च को पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद क्या वे राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी पर विचार करेंगे तो सीएम नीतीश ने इसे सिरे से नकार दिया. उन्होंने कहा कि 10 मार्च के बाद भी कुछ नहीं होने जा रहा है. उन्हें कोई जानकारी नहीं है कि कौन लोग उनका नाम उछाल रहे हैं. वे स्वयं इसे पूरे प्रकरण से आश्चर्यचकित हैं. राष्ट्रपति पद के लिए उनका नाम लेना विपक्ष की चाल होने के सवाल पर भी उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बनने को लेकर उनकी कोई रूचि और दिलचस्पी नहीं है. हाँ वे जिन कार्यों में रूचि लेते हैं उसमें समाज सुधार, विकास, समाज में प्रेम और भाईचारा है. उन्होंने कहा कि वे इस पर शुरू से काम कर रहे हैं और आगे भी इसी दिशा में काम करते रहेंगे.
नीतीश कुमार की पिछले सप्ताह दिल्ली में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मुलाकात हुई थी. उसी दौरान मुम्बई में तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. उसके पूर्व राव ने देश के कई गैर कांग्रेसी नेताओं जैसे ममता बनर्जी, तेजस्वी यादव, एचडी देवगौड़ा, एमके स्टालिन आदि से मुलाकात की. इसी के बाद चर्चा हुई कि सीएम नीतीश और प्रशांत किशोर की हुई मुलाकात का मुख्य कारण नीतीश को जुलाई 2022 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाना था. इसके लिए चंद्रशेखर राव जहाँ गैर कांग्रेसी दलों को एकजुट कर रहे हैं, वहीं प्रशांत किशोर अन्य रणनीति पर काम कर रहे है.
हालांकि नीतीश कुमार लगातार दूसरे दिन इन खबरों को अफवाह बता रहे हैं. साथ ही उन्होंने पूरे मामले पर आश्चर्य जताया है. कुछ को बिहार में समाज सुधर की दिशा में काम करने की भावना बताई.