कटिहार: सुभाष और गुंजा की मुलाकात कब हुई थी उन्हें याद नहीं लेकिन मिलने का सिलसिला उस समय से बदस्तूर जारी रहा. कभी मंदिर में तो कभी पेड़ों की छांव में, कभी बाजार में तो कभी निर्जन अकेले में मिलते रहे. अब दोनों का एक दूसरे के बिना रहना दुस्वार लगने लगा. नींद तो जैसे आंख से दूर हीं हो गई थी.
प्रेम जब परवान चढ़ता गया. इसी बीच लोगों को उनके प्यार की भनक भी लग गई. कई लोगों ने उन्हें खुसूर फूसुर करते भी देक लिया था. इधर अब दोनों का एक दूसरे के बिना रहना एक एक दिन साल के बराबर लग रहा था... दोनों ने घर से फरार होकर काली मंदिर में सिंदूरदान कर शादी रचा ली.गांव वाले इसके गवाह बने.
कटिहार जिले के आजमनगर थाना क्षेत्र के आलमपुर गांव में एक प्रेमी जोड़े का विवाह हिंदू रिति रिवाज के साथ ब्लॉक प्रांगण स्थित शिव मंदिर में करवाया गया. आलमपुर गांव निवासी सुभाष मंडल वहीं की गुंजा कुमारी से प्रेम करता था. सुभाष गुंजा से मिलने अक्सर इधर-उधर जाया करता था. दोनों का प्रेम कई वर्षों से चल रहा था वहीं बीते दिन दोनों ने घर से फरार होकर काली मंदिर में सिंदूरदान कर शादी रचा ली. गांव वालों ने दोनों की शादी कर ली. इश्क को अपना मुक्कमल मुकाम मिल हीं गया.