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तो मौजूदा स्थिति में विजय सिन्हा को विधानसभा अध्यक्ष पद से नहीं हटा सकती महागठबंधन की सरकार, जानें कैसे उलझ गई है पूरी सियासत

तो मौजूदा स्थिति में विजय सिन्हा को विधानसभा अध्यक्ष पद से नहीं हटा सकती महागठबंधन की सरकार, जानें कैसे उलझ गई है पूरी सियासत

PATNA : बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद सबसे ज्यादा विवाद विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर है। वर्तमान अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने अभी तक अपना इस्तीफा नहीं दिया है। वहीं दूसरी तरफ सरकार ने उन्हें हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव दिया है। हालांकि यह निश्चित है कि विजय सिन्हा अध्यक्ष नहीं होंगे। लेकिन बुधवार से शुरू हो रहे विधानसभा की बैठक में वह अध्यक्ष रहेंगे या नहीं यह काफी हद तक खुद विजय सिन्हा पर निर्भर है। चूंकि सत्र सिर्फ दो दिन का है, ऐसे में जो स्थिति बन रही है, उसमें विजय कुमार सिन्हा कम से कम बुधवार को सत्र के पहले दिन तक अध्यक्ष रहेंगे। 


तो अगले सत्र तक बने रह सकते हैं अध्यक्ष

अब जो हालात हैं, उसमें विजय सिन्हा यदि मंगलवार (23 अगस्त) को इस्तीफा दे देते हैं या फिर 24 को अविश्वास का सदन में सामना करते हैं, दोनों में से जो भी स्थिति सामने आए, एक बात साफ है कि विस का नया अध्यक्ष 24 अगस्त को आहूत एक दिवसीय सत्र में नहीं मिलेगा। विजय सिन्हा 23 को इस्तीफा करते हैं तो यह निर्वाचन 25 को और यदि 24 को बहुमत से हटाए जाते हैं तो नया अध्यक्ष 26 को निर्वाचित किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में विस का सत्र एक या दो दिन बढ़ सकता है। सत्र नहीं बढ़ाया गया तो यह निर्वाचन अगले सत्र तक भी जा सकता है।अगर ऐसा होता है तो महागठबंधन सरकार के लिए यह बड़ी परेशानी होगी।


विशेष सत्र में यह होना है

गौरतलब है कि नई सरकार को विश्वास मत हासिल करने के लिए 24 अगस्त को विधानसभा की बैठक सुबह 11 बजे से बुलाई गई है। इस एकदिवसीय सत्र की कार्ययोजना मौजूदा अध्यक्ष को ही बनानी है। विधानसभा में दो ही कार्य किये जाने हैं। पहला सरकार का बहुमत हासिल करना और दूसरा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान। अभी यह भी सस्पेंस है कि इनमें से पहला कार्य कौन होगा और दूसरा कौन सा। सत्तापक्ष चूंकि अध्यक्ष के खिलाफ नो कंफिडेंस मोशन नोटिस दे चुका है, इसलिए वह सभा का संचालन अध्यक्ष की जगह उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी से कराना चाहेगा। पर इसे दूसरे नम्बर पर लिए जाने की स्थिति में सरकार के विश्वास मत हासिल करने की प्रक्रिया का संचालन विजय सिन्हा ही करेंगे (यदि इसके पूर्व उन्होंने इस्तीफा नहीं किया तो)।  


राज्यपाल करते हैं अध्यक्ष का निर्वाचन

बता दें कि बिहार विधानसभा के कार्यसंचालन नियमावली में अध्यक्ष को हटाने या नये अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया निर्धारित है। खासबात यह है कि बिहार के राज्यपाल द्वारा अध्यक्ष के निर्वाचन की तिथि निर्धारित होनी है। चूंकि तकनीकी रूप से विस के अध्यक्ष का पद अभी रिक्त नहीं है और न ही ऐसी कोई सूचना विस की ओर से महामहिम को दी गई है, इसलिए फिलहाल राज्यपाल ने 25 अगस्त को विप के सभापति निर्वाचन की ही तिथि मुकर्रर की है। जहां तक विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन की बात है तो रिक्ति की सूचना मिलने के बाद उनके द्वारा तिथि निर्धारित होगी। निर्वाचन की तिथि के एक दिन पूर्व 12 बजे दिन तक ही अध्यक्ष बनने को इच्छुक सदस्य विस सचिव के पास नामांकन दर्ज करेंगे।

राज्यपाल की भूमिका प्रमुख

संसदीय मामलों के जानकार बताते हैं कि विधानसभा की प्रक्रिया व कार्य संचालन नियमावली के नियम 9 में अध्यक्ष के निर्वाचन का प्रावधान है। इसके अनुसार ‘अध्यक्ष का निर्वाचन उस तिथि को होगा जो राज्यपाल नियत करेंगे। सचिव उस तिथि की सूचना हर सदस्य को भेजेंगे। नियम 9(2) में प्रावधान है कि नियत तिथि के पूर्व के दिन मध्याह्न के पहले किसी समय कोई सदस्य सचिव को संबोधित करते हुए इस आशय के प्रस्ताव की लिखित सूचना दे सकेंगे कि कोई दूसरे सदस्य सदन के अध्यक्ष चुने जायें।


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