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...तो गरीबों का 'निवाला' कोई और खा रहा ? अरवल में PDS में भारी गड़बड़ी की शिकायत, अनुश्रवण की मीटिंग में उठा मुद्दा

...तो गरीबों का 'निवाला' कोई और खा रहा ? अरवल में PDS में भारी गड़बड़ी की शिकायत, अनुश्रवण की मीटिंग में उठा मुद्दा

PATNA: बिहार सरकार गरीबों को सस्ते दर पर खाद्धान उपलब्ध कराती है. सरकार की यह योजना गरीबों की क्षुधा शांत करने को लेकर है. गरीबों का पेट भरे या नहीं लेकिन इस योजना से जुड़े लोगों की पेट की भूख जरूर मिट रही है। गरीबों का निवाला गटक कर जविप्र से जुड़े डीलर व सरकारी सेवक मालामाल हो रहे। सरकार ने गड़बड़ी रोकने को लेकर कई तरह की कोशिश की है, लेकिन सिस्टम में इतनी खामी है कि उससे पार पाना मुश्किल हो रहा। दरअसल, जिसके जिम्मे गड़बड़ी रोकने की जिम्मेदारी है वही लोग अंदर तक मिले हुए हैं. हम बात कर रहे हैं खाद्धान योजना की। अरवल में शुक्रवार को पीडीएस में कमतौली और पैसा अधिक लेने का मामला उठा. मीटिंग में मामला उठाकर पॉलिटिकल पार्टी के लोग भी शांत हो जाते हैं. इधऱ जिनके कंधे पर गड़बड़ी रोकने की जिम्मेदारी है वे फिर से उसी धंधे में लग जाते हैं. 

गोदाम से बिना तौले अनाज की डिलिवरी

अरवल में शुक्रवार को अनुश्रवण समिति की बैठक हुई। अरवल एसडीओ की अध्यक्षता में अनुमंडल स्तरीय अनुश्रवण की बैठक में अन्य मेंबर व अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में जविप्र में गड़बड़ी का मुद्दा छाया रहा। बैठक में शामिल कई लोगों में सवाल उठाया है कि डीलर कम अनाज दे रहे. साथ ही पैसा भी अधिक ले रहे। यानि अनाज कम तो दे ही रहे, जितनी राशि लेनी है उससे अधिक ले रहे। इस तरह से डीलर को दोगुना लाभ हो रहा। गरीब बेचारे ठगे जा रहे हैं। इस योजना में लगे लोग मालामाल हो रहे। एक सदस्य मनोज सिंह यादव ने यह मुद्दा उठाया और मांग किया है कि इसमें सुधार किया जाए। क्यों कि यह तो गरीबों के साथ अन्याय है. इसके साथ ही अनुमंडल क्षेत्र में जविप्र में हो रही इस लूट को बंद करने की मांग की गई। 

मुद्दा उठने के बाद खाद्धान को वजन कर देने का आदेश 

अरवल एसडीओ दुर्गेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लोगों ने शिकायत की कि गोदाम से खाद्यान्न वजन कर नहीं दिया जाता है. साथ ही सदर गोदाम द्वारा रोस्टर के मुताबिक खाद्यान्न का वितरण नहीं किया जा रहा है. मीटिंग में खाद्यान्न को लेकर सदस्यों में भारी नाराजगी थी. इसके बाद एसडीओ ने सभी एमओ को निर्देश दिया कि सभी गोदाम से खाद्यान्न का वितरण वजन करने के बाद दिया जाय। साथ ही रोस्टर के मुताबिक वितरण किया जाय। बड़ा सवाल यही है कि जब गोदाम से खाद्धान को वजन कर नहीं दिया जा रहा तो इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं ? क्या इसकी जानकारी जविप्र से जुड़े अधिकारियों को नहीं है? या फिर इस गोरखधंधे में ऊपर से लेकर नीचे तक के लोग शामिल हैं? अब देखना होगा कि मीटिंग में जो मुद्दा उठा और जिसके आधार पर एसडीओ ने जो आदेश दिए हैं, इस पर अमल होता है या नहीं। अगर सुधार नहीं होता है तो समझा जायेगा कि इस गोरखधंधे में बड़े लोग भी शामिल हैं. 







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