SAHARSA : अपने पिता की मौत के बाद उनके अंतिम क्रिया कर्म को पूरा करने के लिए दिल्ली से आए बेटे की श्मशान घाट में ही हर्ट अटैक से मौत हो गई। यह दर्दनाक हादसा बिहार के सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर गांव की है। मृतक नगर परिषद क्षेत्र के पुरानी बाजार निवासी सेवा निवृत पंचायत सेवक ब्रह्मदेव प्रसाद शाह (75) और उनके बड़े पुत्र सुशील कुमार के रूप में की गई है। एक साथ दो लोगों की मौत की घटना ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है।
खुद दी पिता की अर्थी को दिया कंधा
घटना के संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि शनिवार को ब्रह्मदेव प्रसाद शाह की मौत हो गई। परिजनों ने पिता के मौत की खबर उनके बड़े पुत्र सुशील कुमार को दी। वह दिल्ली सरकार के श्रम मंत्रालय में सेक्शन ऑफिसर के पद पर पदस्थापित थे। पिता की मौत की खबर सुनकर वह दिल्ली से गांव पहुंचे और फिर पिता की अर्थी को कंधा देकर श्मशान पहुंचे।
श्मशान में बेहोश होकर गिरे, इलाज के दौरान मौत
श्मशान घाट पहुंचने के बाद अब अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू हुई। इससे पहले कि सुशील अपने पिता के शव को मुखाग्नि दे पाते, वह अचानक बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े। आननफानन में वहां मौजूद अन्य लोग उन्हें लेकर स्थानीय अनुमंडल अस्पताल सिमरी बख्तियारपुर ले गये। चिकित्सक उन्हें अस्पताल में तत्कालीन प्राथमिक उपचार कर उन्हें बेहतर इलाज के लिए सहरसा रेफर कर दिया। फिर परिजन उन्हें सहरसा स्थित निजी अस्पताल में ले गये, जहां चिकित्सकों ने सुशील कुमार को मृत घोषित कर दिया।
पटना में हुआ बेटे का अंतिम संस्कार
बाद में ब्रह्मदेव शाह के शव को उनके छोटे पुत्र संतोष कुमार ने मुखाग्नि दी। वहीं रविवार को सुशील कुमार के शव को परिजनों ने पटना गंगा घाट पर अंतिम संस्कार किया। एक ही घर में पिता पुत्र की मौत की खबर से पूरा गांव शोकाकुल है। मृतक सेक्शन ऑफिसर सुशील कुमार को एक पुत्र आर्यन और एक पुत्री साक्षी कुमारी है। इस घटना के बाद गांव का हर कोई मर्माहत है। न सिर्फ घर में बल्कि पूरे गांव में लोग शोकाकुल हैं।