SHEKHPURA : शेखपुरा के तत्कालीन एसपी पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। इस कार्रवाई की अनुशंसा मुंगेर प्रक्षेत्र के डीआईजी मोहम्मद शफीक उल हक ने किया है। दरअसल मामला शेखपुरा में सिपाही वेतन घोटाले से जुड़ा है। इस वेतन घोटाले के मामले में डीआईजी ने तत्कालीन एसपी और एसडीपीओ की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए रिपोर्ट राज्य पुलिस मुख्यालय को सौंपा है।
रिपोर्ट में एसपी, एसडीपीओ को इस मामले में गड़बड़ी की आशंका व्यक्त किया है। गौरतलब है कि जनवरी 2015 से अक्टूबर 2018 में करीब 58 लाख रुपया के गोलमाल का मामला उजागर हुआ। गोलमाल में सिपाही के मूल वेतन तो खाते में दिया गया।
लेकिन बढ़ी वेतन का गबन कर लिया गया। वही मामला संज्ञान में आने के बाद बैंक कर्मी और सिपाही ऑडिट टीम को दोषी करार देते हुए डीआईजी ने कार्रवाई की अनुशंसा की. एसपी और डीएसपी पर डीआईजी ने गलत तथ्यों के आधार पर घोटालेबाज सिपाही को क्लीन चिट देने और विभागीय कार्रवाई में निर्दोष साबित कर बचाने का भी आरोप लगाया है. तत्कालीन एसपी दयाशंकर पूर्णिया में जबकि एसडीपीओ अमित शरण पटना सिटी में पदस्थापित है.
शेखपुरा से दीपक कुमार की रिपोर्ट