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भागलपुर में शिक्षा विभाग का अजीबोगरीब कारनामा, निलंबित प्रधानाध्यापक फिर से पूर्व विद्यालय में हुए पदस्थापित

भागलपुर में शिक्षा विभाग का अजीबोगरीब कारनामा, निलंबित प्रधानाध्यापक फिर से पूर्व विद्यालय में हुए पदस्थापित

BHAGALPUR : भागलपुर में आए दिन अधिकारियों द्वारा सरकार के सारे नियम और कानून को ताक पर रखकर एक अपना मनचाहा नियम बना दिया जाता है। जहाँ बजाप्ता अलग से अपना नियम बनाकर वही लागू कर देते है। ऐसा ही मामला भागलपुर जिला के शिक्षा विभाग में सामने आया है। जहाँ प्रधानाध्याक अरविंद कुमार झा मध्य विद्यालय बरारी बालक में कार्यरत थे। यहाँ अवैध पैसा के उगाही में जिला शिक्षा पदाधिकारी भागलपुर के द्वारा उन्हें निलंबित करते हुए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय सबौर में उपस्थिति दर्ज होने का आदेश दिया गया था। 

उसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा  निलंबन तोड़ते हुए पुनः मध्य विद्यालय बरारी बालक में ही प्रधानाध्यापक पद पर  पदस्थापित कर दिया गया। जानकर बताते है की यदि कोई सरकारी कर्मी अवैध उगाही में निलंबित होता है तो उनका निलंबन टूटने पर पूर्व के विद्यालय में पदस्थापित नही किया जाएगा। लेकिन भागलपुर के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सरकार के नियम को छोड़कर कर एक अपना नियम बनाते हुए निलंबित प्रधानाध्यापक के पद पर पुनः पदस्थापित करने का मामला प्रकाश में आया है। 

बताया जा रहा है की मध्य विद्यालय बरारी बालक में सिर्फ बालक (छात्र) का ही नियमतः नामांकन होना चाहिए। जबकि इस विद्यालय के प्रधानाध्यापक सरकार के नियम छोड़ कर अपना नियम कानून बनाकर बालक विद्यालय में कुछ स्वार्थ सिद्धी को लेकर के कई छात्रा का भी नामांकन करने का मामला प्रकाश में आया है। जबकि एक ही विद्यालय में एक ही माता पिता के उसी बच्चे का अलग अलग सालो में नामांकन करना। जबकि नियमानुकूल एक ही बच्चे का नामांकन एक विद्यालय में अलग अलग सत्र में नहीं करना है। स्थानीय वार्ड पार्षद 28 शिवानी देवी सहित ग्रामीणों द्वारा विकास रखरखाव के पैसे को गबन करने का मामला जिला शिक्षा पदाधिकारी को लिखित में शिकायत किया गया था। उसके बाद भी जिला स्तर के अधिकारियो द्वारा इन सभी को कृत्य को नजर अंदाज कर नही जांच किया गया।

वर्तमान प्रधानाध्यापक अरविंद कुमार झा के द्वारा बिना सूचना के अपने कार्य से लंबे समय से गायब रहने के मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा वहा के सहायक शिक्षक को प्रधानाध्यापक पद पर कार्य करने का आदेश दिया गया था। यहां तक की निलंबन,अनुपस्थित समय का भी वेतन पूरा निकालने का मामला प्रकाश में आया है। इन सारी कृत्य के विरुद्ध जब सहायक शिक्षक श्यामानंद झा के द्वारा आवाज,और विरोध किया गया तो उल्टे सहायक टीचर को प्राथमिकी दर्ज कराकर अधिकारी के साठ गांठ से निलंबन करा देने का मामला प्रकाश में आया है। आज सहायक टीचर जिला शिक्षा पाधिकारी के कार्यालय का निलंबन हटाने के लिए दर ब दर ठोकर खा रहे है। जिला शिक्षा पाधिकारी के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा है। जबकि स्थानीय थाना द्वारा चार्ज सीट में अपराधिक इतिहास नही रहने का जिक्र किया हुआ है।

जब इस मामले को लेकर प्रधानाध्यापक अरविंद कुमार झा से जब बात किया गया तो उनके द्वारा बताया गया कि ग्रामीण के दबाव में भूल बस एक लड़की और एक ही लड़के का दो बार नामांकन हो गया होगा। जबकि इनके वक्तव्य से साफ उलट कई बच्चे का नामांकन दर्ज करने का मामला प्रकाश में आया है। यहां तक की कई लड़कियो का नामांकन करने का मामला प्रकाश में आया है। जब इन सारी मामला को अधिकारियो को लिखित में भी दिया गया तो अधिकारियो द्वारा जांच कर कार्यवाही करने के बजाय उसके ऊपर पर्दा डाल दिया गया है।

जब इन सारी बातों को लेकर के जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार से टेलीफोनिक बात की गई तो उनके द्वारा बताया गया की सरकार के गाइड लाइन के अनुकूल ही हुआ है। सरकार का इसी तरह का नियम है।

भागलपुर से बालमुकुंद की रिपोर्ट

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