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कोरोना का ऐसा विकराल रूप: छोटे बेटे के अंतिम संस्कार के बाद घर लौटे तो मिला बड़े बेटे का शव, दो सप्ताह बाद पिता की भी हो गयी मौत

कोरोना का ऐसा विकराल रूप: छोटे बेटे के अंतिम संस्कार के बाद घर लौटे तो मिला बड़े बेटे का शव, दो सप्ताह बाद पिता की भी हो गयी मौत

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा से कोरोना की क्रूरता की ऐसी खबर सामने आयी है, जिसे पढने के बाद कलेजा दहल जायेगा। महज 15 दिनों के अंदर कोरोना ने इस परिवार पर ऐसा विकराल रूप दिखाया कि पहले दो बेटों की मौत हुई फिर पिता भी कोरोना संक्रमण से चल बसे। भाइयों की मौत तो महज कुछ ही घंटों के अंदर हो गयी। केवल 15 दिनों में ही एक हंसता खेलता परिवार उजड गया।

मिली जानकारी के अनुसार जलालपुर गांव के निवासी रविंद्र भाटी कहते हैं, अतर सिंह के बेटे पंकज की मृत्यु गत नौ मई को अचनाक हो गयी। तब उसकी उम्र केवल 24 साल थी। अतर सिंह ने गांव वालों के साथ उसका अंतिम संस्कार किया। अभी वह घर पहुंचे ही थे कि दूसरे बेटे 28 साल के दीपक की भी मौत कोरोना से हो गयी। ग्रामीणों की माने तो दो बेटों की मौत ने अतर सिंह को तोड के रख दिया और वह सदमे में चले गए थे। कुछ दिन बाद ही उन्हें भी कोरोना हो गया। अतर सिंह को इलाज के लिए ग्रेनो वेस्ट में प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। 

शनिवार रात में तबीयत अचानक ज्यादा बिगड़ गई तो घर वाले उनको नोएडा के एक हॉस्पिटल ले गए। वहां कुछ देर बाद उन्होंने दम तोड़ दिया। गांव वालों के अनुसार गांव वालों के मुताबिक, 28 अप्रैल से गांव में मौत का तांडव शुरू हुआ था। यह अब भी जारी है। अतरसिंह की पत्नी प्रेमवती का तीन साल पहले ही निधन हो चुका है। उनका एक बेटा दीपक डीजे का काम करता था। उसने शादी नहीं की थी। पंकज अभी कोई काम नहीं करता था। उसकी शादी हो चुकी थी और उसके दो बच्चे हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। अब घर में केवल अतर सिंह का सबसे छोटा बेटा भारत और पंकज की पत्नी रह गए हैं।

गांव में 22 दिन में 25 मौतें

ऐसी सूचना है कि जलालपुर गांव में 22 दिन के अंदर 25 लोगों की संक्रमण से मौत हो चुकी है। गांववालों का कहना है कि गांव में इतनी मौतें हो रही हैं, लेकिन जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग ध्यान नहीं दे रहा है। केवल एक दिन कोरोना जांच के लिए कैंप लगाया। सैनिटाइजेशन भी हमने खुद करवाया। गांव में वैक्सीनेशन कराने की मांग कर चुके हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है।


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