बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

सुनील दत्त ने अपने बेटे के लिए अपना पॉलिटिक्स करियर को भी दांव पर लगा दिया था : INSIDE STORY

 सुनील दत्त ने अपने बेटे के लिए अपना पॉलिटिक्स करियर को भी दांव पर लगा दिया था : INSIDE STORY

DESK :  संजय दत्त के 1993 मुंबई बम धमाकों से नाम जुड़ने के बाद पूरा दत्त परिवार मुश्किलों के दौर से गुजरा था.इस बुरे वक़्त में सुनील दत्त ने अपने बेटे का साथ नहीं छोड़ा और हर संभव कोशिश की ताकि वो अपने बेटे को इस बुरे दौर से निकाल पाए. कई लोगों का यह भी कहना है कि अपने बेटे के लिए उन्होंने अपना पॉलिटिक्स करियर को भी दांव पर लगा दिया था.

1981 में सुनील दत्त ने अपने बेटे संजय को फिल्म रॉकी से लॉन्च किया।1981 में सुनील दत्त ने अपने बेटे संजय को फिल्म रॉकी से लॉन्च किया। 

सुनील दत्त कांग्रेस के दिग्गज नेता थे और वो उस दौर में सांप्रदायिक राजनितिक के खिलाफ थे , इसके बावजूद उन्होंने बाल ठाकरे जो की हिन्दुओं के ब्रांड नेता थे उनसे मदद मांगी थी.कांग्रेस के दिग्गज नेता होने के बावजूद जब सुनील दत्त को अपनी ही पार्टी से कोई मदद की आसा नहीं रही तो उन्हें उनके समधी और एक्टर राजेंद्र कुमार ने उनको बाल ठाकरे से मिलने की सलाह दी. बाल ठाकरे का नाम सुनते ही वे काफी गुस्सा हो गए थे और मदद से इंकार कर दिए थे. लेकिन राजेंद्र ने सुनील को अमिताभ बच्चन का किस्सा याद दिलाया जब अमिताभ का नाम बोफोर्स कांड में उजागर हुआ था. तब उनकी फिल्म को बैन करने की बात होने लगी थी. और बिग बी की बाल ठाकरे ने मदद की थी.

Sunil Dutt Birth AnniversarySunil Dutt Birth Anniversary 

हालांकि वो बाल ठाकरे की मदद नहीं लेना चाहते थे पर राजेंद्र के कहने पर किसी भी तरह से सुनील दत्त शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे से मिलने के लिए राजी हो गए, और एक दिन संजय दत्त, राजेंद्र कुमार के साथ बाल ठाकरे से मिलने उनके बंगले मातो श्री पहुंच गए.मीडिया रिपोर्ट की मानें तो सुनील दत्त को देखते ही बाल ठाकरे ने कहा था, “मैं जानता हूं तुम मुझे पसंद नहीं करते, लेकिन मैं एक जमाने में तुम्हारी अदाकारी का फैन रहा हूं. ठाकरे से ऐसी बात सुनकर सुनील दत्त काफी भावुक हो गए थे, और रो पड़े थे.उन्होंने पूरा मामला बाला साहब को बताया. बाल ठाकरे ने उन्हें मदद करने के लिए आश्वश्त किया और कहा कि वो उनकी मदद करेंगे . ठाकरे ने उस वक़्त संजय दत्त को डांट भी लगाई थी, और कहा था कि , अब वही करना जो तुम्हारे प‍िता चाहते हों। किसी और के बहकावे में मत आना।

इस डांट के बाद संजय सहम से गए और ऐसा करने पर राज़ी हो गए.कुछ रिपोर्ट्स की मानी तो सुनील दत्त ने इस मदद के बदले में कुछ करने की बात कही थी। इस घटना के बाद उन्होंने बाल ठाकरे के लिए राजनीति से संन्यास लेने तक की बात कह दी थी। लेकिन ठाकरे साहब ने ऐसा करने से मना कर दिया था। हालांकि अगले लोकसभा चुनाव में सुनील दत्त ने चुनाव नहीं लड़ा। सुनील दत्त अकसर अपने कई इंटरव्यू में बाल ठाकरे को धन्यवाद कहते रहते थे। इस वक़्त तक संजय दत्त अपनी 5 साल की सजा काट कर जेल से बाहर आ चुके थे.


Suggested News