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पेगासस जासूसी मामले में SC ने केंद्र को दिया बड़ा झटका, जांच के लिए बनाया एक्सपर्ट कमेटी, कहा- राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर हर बार छूट नहीं मिल सकती

पेगासस जासूसी मामले में SC ने केंद्र को दिया बड़ा झटका, जांच के लिए बनाया एक्सपर्ट कमेटी, कहा- राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर हर बार छूट नहीं मिल सकती

Desk. पेगासस जासूसी मामले सुप्रीम कोर्ट ने  केंद्र सरकार को बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने मामले की जांच के लिए एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है. यह टीम सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस आर वी रवींद्रन की अध्यक्षता में काम करेगी और पेगासस जासूसी मामले की तेजी से जांचक कोर्ट में जांच रिपोर्ट सौंपेगी. इससे पहले सर्वोच्च कोर्ट ने पेगासस जासूसी से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर हर बार सरकार को छूट नहीं दिया जा सकता.

अदालत मूकदर्शक नहीं रह सकती

वहीं पेगासस जासूसी मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कोर्ट में अपना एक्सपर्ट पैनल बनाने की अर्जी दी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर एफिडेविट में ज्यादा डिटेल देने से इनकार कर दिया है. ऐसे में सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा की सिर्फ बात करने से अदालत मूकदर्शक नहीं बनी रह सकती है. राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा उठाने पर सरकार को हर बार छूट नहीं दी जा सकती है.

सरकार ने स्थिति साफ नहीं की- कोर्ट

कोर्ट ने ये भी कहा है कि देश के हर नागरिक की निजता की रक्षा होनी चाहिए. इस मामले में केंद्र ने जो सीमित एफिडेविट दिया है, वह साफ नहीं है और पर्याप्त नहीं है. हमने सरकार को डिटेल देने का पर्याप्त मौका दिया, लेकिन बार-बार कहने के बावजूद उन्होंने एफिडेविट में स्थिति साफ नहीं कि कि अब तक मामले में क्या-क्या कार्रवाई की गई है. अगर वे स्पष्ट कर देते तो हमारा बोझ कम हो जाता.

बता दें कि पेगासस मामले में कई पत्रकारों और एक्टिविस्ट ने अर्जियां दायर की थीं. इनकी मांग थी कि सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में जांच करवाई जाए. पिटीशनर्स ने ये भी कहा था कि मिलिट्री ग्रेड के स्पाइवेयर से जासूसी करना निजता के अधिकार का उल्लंघन है. पत्रकारों, डॉक्टर्स, वकील, एक्टिविस्ट, मंत्रियों और विपक्षी दलों के नेताओं के फोन हैक करना बोलने की आजादी के अधिकार से समझौता करना है.


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