Desk. दिल्ली-एनसीआर में फैले प्रदूषण पर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. इस दौरान प्रदूषण को लेकर दिल्ली और केंद्र सरकार के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने फटकार लगायी. कोर्ट ने कहा कि सिर्फ बैठकें हो रही हैं, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं किया जा रहा है. साथ ही कोर्ट ने सरकारों से पूछा कि कुछ दिन सड़क से गाड़ियां हटाकर केवल सार्वजनिक परिवहन चलाने पर सहमति क्यों नहीं बनाई जाती? वहीं कोर्ट ने इस दौरान टीवी डिबेट पर कड़ी टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि टीवी पर होने वाली बहस ज्यादा प्रदूषण फैलाती है. सबका अपना एजेंडा है.
टीवी डिबेट ज्यादा फैलाता है प्रदूषण
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मीडिया में हमारे खिलाफ पराली को लेकर गलत खबरें चलाई गई हैं. टीवी पर कहा जा रहा है कि हमने कोर्ट को गुमराह किया है. इसलिए हम कोर्ट में अपनी सफाई पेश करना चाहते हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने कोर्ट को गुमराह नहीं किया है. सार्वजनिक रूप से ऐसी आलोचना होती रहती हैं. हमारा उद्देश्य साफ है. इसलिए मुद्दे से न भटकिए और यह सब भूल जाइए. सीजेआई एनवी रमन्ना ने कहा कि देखा जाए तो टीवी में होने वाली बहस ज्यादा प्रदूषण फैलाती है. सबका अपना एजेंडा है.
सरकार से पूछ ठोस समाधान क्यों नहीं होता?
वहीं कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार से कहा कि आप लोग प्रदूषण को लेकर सिर्फ बैठक ही कर रहे आप लोग कोई ठोस बात नहीं करते. कोर्ट ने कहा कि कुछ दिन सड़क से गाड़ियां हटाकर केवल सार्वजनिक परिवहन चलाने जैसी बातें क्यों नहीं की जातीं? इस पर दिल्ली सरकार ने जवाब दिया कि हमने दफ्तरों को बंद कर दिया है, लेकिन एनसीआर से तो गाड़ियां आएंगी ही. इस पर जस्टिस चंद्रचूड ने पूछा कि क्या आप सीएनजी बसों की संख्या बढ़ा सकते हैं, जिससे लोग उसमें दफ्तर जाएं. इस पर दिल्ली सरकार ने कहा कि यह देखना होगा कि कितनी बसें हैं, पर एनसीआर से आने वाली गाड़ियों को क्या करेंगे?