पटना... बिहार विधान परिषद के आचार समिति अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने के बाद सभापति से मुलाकात की। साथ ही अपने कार्यालय कक्ष का निरीक्षण भी किया। गौरतलब है कि जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद आचार समिति के अध्यक्ष नीतीश कुमार बनाए गए थे। इससे पहले आचार समिति के अध्यक्ष पूर्व शिक्षा मंत्री पीके शाही और विधान परिषद के पूर्व वरिष्ठ सदस्य रामबचन राय रह चुके हैं।
बता दें कि विधान परिषद के वरिष्ठ सदस्य सुशील मोदी को आचारा समिति का अध्यक्ष बनाया गया है तो वहीं पूर्व जलसंसाधन मंत्री संजय झा को याचिका समिति का सदस्य बनाया गया है। विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। दोनों समितियां विधान परिषद की स्थाई है और महत्वपूर्ण समितियां हैं।
बता दें कि विधान सभा सत्र के दौरान विधानमंडल के किसी सदस्य या अधिकारियों के खिलाफ भी काम में किसी प्रकार की लापरवाही की शिकायत पर आचार समिति के अध्यक्ष पर कार्रवाई की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में अब नई जिम्मेदारी मिलने के बाद सुशील मोदी एमएलसी का आचार-विचारा परख सकते हैं।