PATNA: जलजमाव से पीड़ित लोगों ने रविवार को बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी के राजेन्द्र नगर स्थित आवास पर प्रदर्शन किया था। पीड़ितों ने आरोप लगाया था कि सुशील मोदी उनसे मिलने नहीं आए। अब सुशील के इस पर पलटवार करते हुए कहा है कि एक घंटा इंतजार करने के बावजूद राजेन्द्र नगर के जलजमाव से प्रभावित उनसे मिलने नहीं आए।
डिप्टी सीएम के आप्त सचिव शैलेन्द्र कुमार ओझा ने बताया कि उपमुख्यमंत्री के एक घंटा इंतजार करने के बावजूद राजेन्द्र नगर के जल जमाव प्रभावितों की ओर से न तो सोमवार को कोई प्रतिनिधि मंडल मिलने आया और न ही उनकी तरफ से कोई ज्ञापन ही दिया गया है।
सुशील मोदी ने कहा कि पटना में अतिवृष्टि से उत्पन्न जल जमाव जनति आपदा के दौरान केवल वीआईपी नहीं आम लोगों के प्रति भी सरकार पूरी तरह से संवेदनशील रही। पूरे पटना से रेस्क्यू किए गए 59,000 लोगों में से धनुषी पुल सेे 34,598 और दिनकर गोलम्बर से 18,300 यानी राजेन्द्रनगर के कुल 52,898 बाशिंदों का रेस्क्यू किया गया जिनमें हाॅस्टल, कोचिंग के छात्र-छात्राओं के साथ बीमार व जरूरतमंद आम लोग थे।
उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान पूरे पटना में जहां एसडीआरएफ और एनडीआरएफ द्वारा 39 मोटर बोट संचालित किए गए वहीं राजेन्द्र नगर में 26 बोट चलाये गए। 8 एम्बूलेंस में से राजेन्द्र नगर में 6, 80 पानी के टैंकर में से 20 राजेन्द्रनगर में तैनात किए गए थे। पटना में वितरित दूध व सूखे दूध के 20 हजार पैकेट में से 11 हजार पैकेट तथा शुद्ध पेयजल के 1,97,940 बोतलों में से 90 हजार बोतल व 25 हजार पानी के पाउच राजेन्द्र नगर में वितरित किए गए।