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बिहार के बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य पर जोर, 11 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा, किसानों को भी रिझाने की कोशिश

बिहार के बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य पर जोर, 11 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा, किसानों को भी रिझाने की कोशिश

PATNA : बिहार के बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य पर खासा जोर दिया गया है साथ ही किसानों को भी रिझाने की कोशिश की गई है। बिहार के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री सुशील मोदी ने बजट पेश करते हुए कहा कि बिहार राज्य का बजट आकार 2004-2005 में 23,885 करोड़ था जो वर्ष 2018-19 में 7 गुणा से अधिक बढ़कर 1,76,990 करोड़ रु था वर्ष 2019-20 में यह 9 गुणा बढ़कर 2,00,501 करोड़ रुपया हो गया है।

सुशील मोदी ने कहा कि वर्ष 2019-20 में छपरा, पूर्णिया, समस्तीपुर, बेगूसराय, सीतामढ़ी, वैशाली, झंझारपुर, सिवान, बक्सर, भोजपुर एवं जमुई में 11 नये मेडिकल कॉलेज तथा रहुई, नालन्दा में 1 डेन्टल कॉलेज का निर्माण प्रारंभ किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इन्दिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान, शेखपुरा, पटना में लगभग 138 करोड़ रू० के व्यय से 100 शैय्या का स्टेट कैंसर संस्थान का निर्माण आगामी 20 महीनों में पूरा हो जायेगा। 

 परमाणु ऊर्जा आयोग, मुम्बई एवं टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुम्बई के सहयोग से श्री कृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, मुजफ्फरपुर में 150 करोड़ रू० की लागत से एक विशिष्ट कैंसर अस्पताल की स्थापना की जा रही है। सुशील मोदी ने कहा कि वर्ष 2019-20 में नालन्दा मेडिकल कॉलेज के परिसर में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र की शाखा स्थापित की जायेगी जहाँ Laboratories की सुविधा के साथ-साथ Emerging & re-emerging disease के अनुसंधान का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुफ्त दवा वितरण योजना को सुदृढ़ करते हुए स्वास्थ्य संस्थानों में कैंसर और मधुमेह की दवाओं सहित 310 प्रकार की दवाएँ मरीजों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जायेंगी। साथ ही षल्य कक्ष में उपयोग होने वाली सामग्रियाँ भी निःशुल्क उपलब्ध कराई जायेंगी।

 सुशील मोदी ने शिक्षा विभाग की चर्चा करते हुए कहा कि वर्ष 2019-20 में मुख्यमंत्री बालिका साईकिल योजना के लिए 207.19 करोड़ रू०, मुख्यमंत्री बालिका (इंटरमीडिएट) प्रोत्साहन योजना के लिए 274.84 करोड़ रू०, मुख्यमंत्री बालिका (स्नातक) प्रोत्साहन योजना के लिए 200 करोड़ रू०, सर्व शिक्षा अभियान के लिए 14352.69 करोड़ रू०, मध्याह्न भोजन योजना के लिए 2374.42 करोड़ रू० एवं राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के लिए 490 करोड़ रू० का प्रावधान किया गया है। 

 वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री बालक/बालिका साईकिल योजनान्तर्गत साईकिल उपलब्ध कराने हेतु राशि  2500 रू० से बढ़ाकर 3000 रू० प्रति छात्र/छात्रा करते हुए कक्षा 9 में नामांकित 4.59 लाख छात्रों के लिए कुल 137.89 करोड़ रू० एवं 5.15 लाख छात्राओं के लिए कुल 154.77 करोड़ रू० आवंटित किये गये हैं। मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना के अन्तर्गत 9वीं से 12वीं कक्षा में अध्यनरत छात्राओं को पोशाक क्रय हेतु दी जाने वाली राशि 1,000 रू० को बढ़ाकर वर्ष 2018-19 से 1,500 रू० कर दी गई है तथा कुल 11.56 लाख छात्राओं के लिए 173.49 करोड़ रू० आंवटित किये गये हैं। 

मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सैनिटरी नैपकीन की राषि 150 रू० से बढ़ाकर वर्ष 2018-19 से 300 रू० कर दी गई है तथा कुल 18.73 लाख छात्राओं के लिए 56.20 करोड़ रू० आंवटित किये गये हैं। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत वर्ष 2018-19 से इन्टरमीडिएट वार्षिक परीक्षा, 2018 में उत्तीर्ण सभी कोटि के अविवाहित छात्राओं को प्रति छात्रा 10,000 रू० की राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान करते हुए कुल 2.49 लाख छात्राओं के लिए 249.86 करोड़ रू० आंवटित किये गये हैं। 

सुशील मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री बालिका स्नातक प्रोत्साहन योजना के तहत स्नातक उर्त्तीण बालिकाओं को प्रति छात्रा 25,000 रू० की राषि उपलब्ध कराने का प्रावधान करते हुए 300 करोड़ रू० की   स्वीकृति दी गयी है। 

सुशील मोदी ने कहा कि शिक्षकों के नियोजन में महिलाओं के लिए 50% स्थान आरक्षित किये जाने के फलस्वरूप उनकी संख्या 19% से बढ़कर 39% हो गयी है। उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक नियोजन होने तक स्वीकृत एवं रिक्त पदों पर 25,000 रू० प्रति माह पर अतिथि शिक्षकों की सेवा लेने की व्यवस्था की गयी है। वर्तमान में गणित, विज्ञान एवं अंग्रेजी में 4,000 अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं।

बजट पेश करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि वर्ष 2019-2020 से अररिया, किशनगंज एवं नवादा जिला में स्थापित नया अभियंत्रण महाविद्यालय में सत्रारंभ किया जायेगा। मुजफ्फरपुर अभियंत्रण महाविद्यालय में 2017-18 सत्र से एम० टेक० की पढ़ाई आरंभ की गयी है तथा सत्र 2019-20 से 5 और अभियंत्रण महाविद्यालयों (गया, नालंदा, भागलपुर, मोतिहारी एवं छपरा) में एम० टेक० की पढ़ाई आरंभ की जायेगी।

सुशील मोदी ने कहा कि वर्ष 2019 से राज्य के अभियंत्रण महाविद्यालयों में छात्रों का नामांकन, संयुक्त प्रवेष प्रतियोगिता परीक्षा-मेन्स (J.E.E.-Mains) के मेधा के आधार पर कॉउन्सिलिंग के माध्यम से लिया जायेगा। वर्ष 2019-2020 में राज्य के 7 अभियंत्रण महाविद्यालयों एवं 12 पोलिटेकनिक संस्थानों में उपलब्ध भूमि पर 250 करोड़ रू० की लागत से अतिरिक्त छात्रावास का निर्माण किया जायेगा।


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