PATNA: पटना हाईकोर्ट ने बहुचर्चित सेनारी नरसंहार के सभी 13 आरोपियों को बरी कर दिया है। जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह और जस्टिस अरविंद श्रीवास्तव की खंडपीठ ने लंबी सुनवाई के बाद सभी आरोपियों को रिहा करने का फैसला सुनाया। न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले को रद्द करते हुए सभी को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है। बता दें जहानाबाद जिला अदालत ने 15 नवंबर 2016 को इस मामले में 10 को मौत की सजा सुनाई थी, जबकि 3 को उम्रकैद की सजा दी गई थी।
SC जाने के फैसले पर CM नीतीश को दिया धन्यवाद
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सेनारी में 34 लोगों के नरसंहार के सभी आरोपियों का हाई कोर्ट से बरी हो जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। जब 34 लोगों का संहार हुआ तो आखिर कोई तो गुनाहगार होगा? हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के निर्णय के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद मगर राजद को बताना चाहिए कि यह नरसंहार किसके कार्यकाल में हुआ था?
सुशील मोदी ने सेनारी नरसंहार पर RJD को घेरा
उन्होंने कहा कि आखिर क्या कारण था कि जहां 2005 के पहले बिहार में जातीय हिंसा चरम पर थी और नरसंहारों का तांता लगा हुआ था, लक्ष्मणपुर बाथे में 58, शंकर बिगहा और बथानी टोला में 22-22 वहीं मियांपुर में 35 दलित गाजर- मूली की तरह कटे गए थे वहीं 2005 के बाद एनडीए के 15 साल के कार्यकाल में एक भी नरसंहार नहीं हुआ। दरअसल राजद एक साथ रणवीर सेना और एमसीसी को संरक्षण व मदद देता था ताकि समाज में जातीय तनाव पैदा कर वह अपनी राजनीतिक रोटी सेंकता रहे। रणवीर सेना व एमसीसी को सरकार का वरदहस्त था। दोनों को आपस में लड़ा कर राजद 15 साल तक राज करता रहा।
हम सबसे पहले पहुंचे थे,आंखों से लाशों का ढेर देखा था-मोदी
मोदी ने कहा कि सेनारी की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचने वालों में मैं था .हमने अपनी आंखों से लाशों के ढेर को देखा था। क्रूरता के नंगा नाच के आगे मानवता शर्मसार थी।