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जेल से बाहर आयेगा बीबी को तंदूर में जलाने वाला सुशील शर्मा, HC ने रिहा करने का दिया आदेश

जेल से बाहर आयेगा बीबी को तंदूर में जलाने वाला सुशील शर्मा, HC ने रिहा करने का दिया आदेश

NEWS4NATION DESK :  वर्ष 1995 का पूरे देश को हिलाकर रख देने वाला बहुचर्चित नैना सहनी हत्याकांड मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से बड़ा आदेश आया है। कोर्ट ने अपनी बीबी नैना साहनी की हत्या के बाद लाश के टुकड़े-टुकड़े कर तंदूर में जलाने के दोष में पिछले 23 साल से उम्र कैद की सजा काट रहे सुशील शर्मा को तुरंत रिहा करने के आदेश दिए हैं।  इससे पहले 12 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि क्या किसी शख्स को हत्या के जुर्म में अनिश्चितकाल के लिए जेल में बंद रखा जा सकता है, जबकि वो पहले ही सजा काट चुका है।
 
 कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा था कि आखिर 23 साल होने के बाद भी सुशील शर्मा को रिहा क्यों नहीं किया गया? बता दें कि शर्मा की मौत की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद में तब्दील कर दिया था। तब से वो जेल में ही है। 

कोर्ट ने कहा उसे जेल में रखना मानवाधिकार का हनन

जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल की बेंच ने कहा था कि याची 25 साल से अधिक समय से जेल में है। हत्या अपने आप में जघन्य है। वह अपनी सजा तकरीबन पूरी कर चुका है। क्या अब उसे जेल में रखना उसके मानवाधिकारों का हनन नहीं है?

1995 में इस हत्याकांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था

मामला दिसंबर 1995 का है। नई दिल्ली स्थित अशोक यात्री निवास जहां आज के समय में रॉयल होटल स्थित है के तंदूर लोगों को तेज बदबू महक मिली। जिसके बाद पुलिस जांच करने पहुंची तो वह दंग रह गई।  होटल के मालिक सुशील शर्मा ने अपनी पत्‍नी नैना साहनी की हत्‍या की थी और उसकी लाश के टुकड़े को तंदूर में जला दिया था। घटना ने पूरे देश के रौंगटे खड़े कर दिये थे। 

दोनों की थी लव मैरिज

दरअसल, सुशील शर्मा और नैना साहनी दोनों ही युवा कांग्रेस से जुड़े हुए थे। उस वक्‍त नैना का अफेयर मतलूब नाम के युवक से था, लेकिन घर वालों के विरोध के चलते नैना मतलूब से शादी नहीं कर पाईं। कुछ समय बाद नैना की नज़दीकी सुशील शर्मा से हुई और दोनों ने लव मैरिज कर ली। शादी के बाद भी सुशील शर्मा को यह शक था कि उसकी पत्नी नैना साहनी का किसी और से अफेयर चल रहा है। सुशील ने नैना की जासूसी भी करवाई थी।

टेलीफोन पर बात करते देख हुआ शक और मार दी गोली
 एक दिन जब वो घर लौटा, तो उसने देखा कि नैना टेलीफोन पर किसी से बात कर रही है। नैना ने जैसे ही फोन रखा सुशील ने री-डायल कर दिया। दूसरी तरफ फोन पर मतलूब था। सुशील गुस्‍से में आग बबूला हो गया और उसने नैना पर गोली चला दी। गोली लगते ही नैना की मौत हो गई। इसके बाद सुशील ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर नैना के शव को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया और उसकी लाश को टुकड़े-टुकड़े कर तंदूर में झोक दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा को उम्र कैद में बदला था

अपनी पत्नी की हत्या और फिर उसके टुकड़े कर तंदूर में जलाने के आरोप में सुशील को 7 नवंबर, 2003 को सजा ए मौत सुनाई गई। दिल्ली हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा। लेकिन, सुशील ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। शीर्ष अदालत ने उसकी फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था।

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