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जेल में बंदी की संदिग्ध मौत, परिजनों ने लगाया पुलिस पर हत्या का आरोप, मृतक के शरीर पर है गंभीर निशान

जेल में बंदी की संदिग्ध मौत, परिजनों ने लगाया पुलिस पर हत्या का आरोप, मृतक के शरीर पर है गंभीर निशान

नवादा. मंडल कारा में बंद विचाराधीन बंदी गुड्डू कुमार की मौत के बाद परिजनों ने जेल प्रशासन पर हत्या का आरोप लगाया है. सदर अस्पताल पहुंचने पर मृतक के स्वजनों का कहना है कि 3 सितंबर को जेल भेजे के दौरान वह पूर्णत: स्वस्थ था, लेकिन जेल अधिकारी बीमारी से मौत की बात कह रहे हैं. जबकि मृतक के शरीर पर पिटाई के निशान मिले हैं. हाथ-पैर को भी रस्सी से बांधने के निशान हैं. ऐसे में जेल के अंदर ही बेरहमी से मारपीट कर हत्या कर दी गई है.

वहीं बंदी की मौत के बाद जेल प्रशासन और जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है. डीएम यश पाल मीणा के निर्देश पर गठित टीम डॉक्टरों के साथ जेल पहुंची और मामले की जांच की. जांच टीम में सदर एसडीएम उमेश कुमार भारती, एसडीपीओ उपेंद्र प्रसाद, डॉ. अखिलेश कुमार मोहन आदि शामिल थे. कई घंटों तक टीम ने पूरी बारीकी से मामले की जांच की. हालांकि टीम में शामिल अधिकारियों ने अभी कुछ भी बताने से इनकार किया है. वहीं पटना से कारा विभाग की उच्चस्तरीय टीम ने भी नवादा आकर गहन जांच की.

टीम के अधिकारी मौत के कारणों को तलाशने में जुटे हुए हैं. वहीं डीएम के निर्देश पर गठित मेडिकल बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम किया. इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई है. बंदी की मौत के बाद परिजनों में जेल प्रशासन के प्रति आक्रोश देखा गया. परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था. सूत्र बता रहे हैं कि अन्य बंदियों के साथ भी मारपीट की गई है, जिसमें कुछ बंदी जख्मी हुए हैं. तभी डॉक्टरों की टीम मंडल कारा पहुंची थी. हालांकि मारपीट होने और अन्य बंदियों के घायल होने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है.

जेल अधीक्षक अभिषेक कुमार पांडेय ने इससे साफ इनकार किया है. बता दें कि 3 सितंबर को गुड्डू को शराब के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. जानकारी के मुताबिक, उसने अपनी बाइक से बच्चे को ठोकर मार दिया था. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने उसे पकड़ लिया था. उसी दौरान गश्ती पर रही पुलिस वहां पहुंच गई थी. युवक की तलाशी के क्रम में उसके पास से 40 लीटर देसी महुआ शराब बरामद की गई थी. इसके बाद उत्पाद अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर उसे जेल भेजा गया था.

 

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