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स्वतंत्रता दिवस पर लें स्वदेशी अपनाने व आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का संकल्प: संजय जायसवाल

स्वतंत्रता दिवस पर लें स्वदेशी अपनाने व आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का संकल्प: संजय जायसवाल

PATNA : सभी बिहार वासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने सभी से आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का संकल्प लेने और स्वदेशी अपनाने की अपील की. उन्होंने कहा की अपनी आजादी के 74 वर्षों के बाद देश आज काफ़ी अहम मुकाम पर पहुंच चुका है. कभी सपेरों का देश कहा जाने वाला भारत आज फ़्रांस, ब्रिटेन जैसे देशों को पीछे छोड़कर दुनिया की 5 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है. देश आज एक वैश्विक ताकत के तौर पर उभर रहा है. 

अब जरूरत इस विकास रथ की गति को और तेज करने की है, जिसके लिए आत्मनिर्भरता सबसे प्रभावी अस्त्र है, जिसे स्वदेशी उत्पादों के प्रयोग से ही हासिल किया जा सकता है. केंद्र सरकार इसके लिए विदेशी उत्पादों पर विभिन्न प्रकार के टैक्स लगा कर स्वदेशी को बढ़ावा की रणनीति पर काम कर रही है, जो भविष्य के भारत की बुनियाद रखने में अहम भूमिका निभाने वाली है. लेकिन जनसहयोग से इस लक्ष्य को जल्द से जल्द हासिल किया जा सकता है. इसलिए मेरी सभी से अपील है कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना पूरा योगदान देने का संकल्प लें. विदेशी ब्रांडों की जगह स्वदेशी उत्पादों को अपनाएं.

उन्होंने कहा की ‘आत्मनिर्भर भारत’ का यह संकल्प, आपदा को भी अवसर में बदलने की 130 करोड़ हिन्दुस्तानियों की साझा कोशिश है. यह भारत को फिर से विश्वगुरु बनाने की तरफ एक मजबूत कदम है. जैसे-जैसे दुनिया कोरोना से उबरेगी, लोगों को वस्तुओं की आवश्यकता होगी. मंद पड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था के कारण बढती मांग की समयानुसार आपूर्ति करना पूरी दुनिया के लिए एक चुनौती होगी. ऐसी परिस्थिति में जो देश आत्मनिर्भर बन गया वह न केवल खुद की आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकेगा बल्कि दूसरे देशों को निर्यात भी कर सकेगा. 

वास्तव में यह आत्मनिर्भरता देश को एक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की कवायद है. लोग देश में निर्मित वस्तुएं खरीदेंगे तो उनका उत्पादन बढेगा, उत्पादन बढ़ाने पर बाजार में पूंजी का प्रवाह और तेज होगा, कच्चे मालों की भी मांग बढ़ेगी, जिससे छोटे-छोटे उद्योग-धंधे मजबूत होंगे, उत्पादन की अधिकता होने पर विश्व में नये बाजार खोजे जाएंगे और भारत का निर्यात बढेगा. हर हाथ रोजगार मौजूद होगा और भारत एक आर्थिक महाशक्ति बन कर पूरे विश्व पटल पर उभरेगा.



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