पटना: स्मार्ट सिटी का ख्वाब सजा रखे निगम के खुद के शहर में स्वच्छता मिशन के मामले में तगड़ा झटका लगा था। तीन साल पहले शहर के सरकारी कार्यालयों और बाजारों में रखे गए करोड़ों के माॅड्यूलर शौचालय रख-रखाव और सही बंदोबस्त के अभाव में जर्जर हो चला था। लेकिन अब देर आये दुरूस्त आए वाली तर्ज पर निगम ने लाखों की आबादी वाले राजधानी के लोगों की सहूलियत बढ़ाने की योजना पर काम करने वाला है। इसके तहत शहर के प्रत्येक हिस्से में रखे गए माॅड्यूलर शौचालयों का न सिर्फ मरम्मत होगा बल्कि इसकी सुविधा लोगों को निःशुल्क दी जाएगी। सौंदर्यीकरण, मकान, दुकान निर्माण की योजनाओं पर करोड़ों का बजट तैयार करने वाले निगम के पास अभीतक ऐसी कोई योजना नहीं थी जिसमें राहगीरों को शहर के किसी भी हिस्से में निःशुल्क शौचालय का लाभ दिया जा सके।
सीएसआर में हुई थी खानापूर्ति
एक निजी एजेंसी ने अपने सीएसआर के तहत आज से 3 साल पहले करीब 25 करोड़ की लागत से 400 माॅड्यूलर शौचालय निगम को सौंपा था। नियम के अनुसार इन शौचालयों को सार्वजनिक स्थलों पर स्थापित करने के अलावा इसकी देखरेख, मरम्मत आदि की जिम्मेवारी भी एजेंसी के पास ही थी। लेकिन इस मामले में एजेंसी ने जिम्मेवारियों का मात्र खानापूर्ति ही किया था। दरअसल, एजेंसी ने न तो इन सैकड़ों शौचालयों में जलापूर्ति की सुविधा दिया और न ही इनका आजतक उद्घाटन ही हो सका। जिसकी वजह से जगह-जगह इन माॅड्यूलर शौचालयों की स्थापना के बाद भी इनका लाभ आम नागरिकों को नहीं मिल पा रहा था। सबसे अधिक परेशानी स्लम इलाकों में रहने वाले लोगों को उठानी पड़ रही थी।
निगम ने खुद के कंधों उठाया जिम्मेवारी का बीड़ा
पब्लिक की हो रही परेशानी और माॅड्यूलर शौचालयों की हो रही सालों से दुर्दशा को देखते हुए निगम ने अब इनके संचालन की जिम्मेवारी खुद के कंधों पर ली है। योजना के अनुसार निगम ने सुलभ इंटरनेशनल एजेंसी के माध्यम से इन शौचालयों का संचालन, देखरेख और जनता को निःशुल्क सुविधा का लाभ मुहैया कराने पर निर्णय लिया है। इसके तहत निगम के सभी अंचलों को मुख्यालय स्तर पर निर्देश जारी किया गया है कि वे अपने-अपने इलाकों में माॅड्यूलर शौचालयों की पहचान करते हुए अवगत कराएं। साथ ही जिन स्थलों पर अभी भी शौचालयों की जरूरत है, उसकी सूची बनाकर सौपें। ताकि निगम जनता की जरूरतों के अनुसार माॅड्यूलर शौचालयों की स्थापना करवा सके। एजेंसी के साथ निगम का व्यापारिक समझौता होगा और वही एजेंसी इन शौचालयों का संचालन, देखरेख, मरम्मत आदि का काम देखेगी।
फैक्ट फाइल
-2017 में एजेंसी ने दिया था निगम को 400 माॅड्यूलर शौचालय
-25 करोड़ की लागत से शहर के बाजार और सरकारी कार्यालयों में लगे थे शौचालय
-सालों बाद भी इन शौचालयों में शुरू नहीं हो सका है जलापूर्ति की सुविधा
-स्लम इलाकों के अलावा बाजारों और सार्वजनिक स्थलों पर होती है पब्लिक की फजीहत
-अब सुलभ इंटरनेशनल एजेंसी के माध्यम से होगा शौचालयों का संचालन
-जनता के लिए पूरी तरह निःशुल्क सुविधा का लाभ दिए जाने की तैयारी
वर्जन
निगम ने माॅड्यूलर शौचालयों को खुद चलाने का निर्णय लिया है। इस दिशा में निजी एजेंसी से बातचीत किया गया है। जल्द ही जनता को सार्वजनिक स्थलों पर निःशुल्क शौचालय का लाभ प्राप्त होगा।
सीता साहू-महापौर पटना।