AURANGABAD : औरंगाबाद के श्री कृष्ण नगर में चल रहे श्रीमद्भागवत सप्ताह सह लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में श्रद्धालुओं की भीड़ जुट रही है। सुबह यज्ञ मंडप की परिक्रमा करने और शाम को प्रवचन सुनने श्रोता जुट रहे हैं। रात में रासलीला देख दर्शक भावविभोर हो जा रहे हैं। महायज्ञ के तीसरे दिन श्री श्री 1008 श्री स्वामी राम प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने कृष्णावतार की चर्चा करते हुए कहा कि भागवत के अवतार भिन्न-भिन्न कार्य के लिए होता है। वास्तव में भगवान एक ही है।
अलग-अलग लीलाओं के कारण उनका नाम अलग-अलग होता है। ऐसे तो धर्म की रक्षा करना एवं दुष्टों को दंड देना अवतार का प्रयोजन है। लेकिन विशेषतः मनुष्यों को लीलाओं के द्वारा प्रशिक्षण करना भी उनके अवतार का कारण होता है। जब कंस का अत्याचार चरम सीमा पर था तो सबसे दिन हिन देवकी-वासुदेव के यहां भगवान आये। वासुदेव जी द्वारा गोकुल में नन्द-यशोदा के घर पहुंचाना और फिर विविध लीलाओं द्वारा पुतना, मकरासूर, कंस आदि दुष्टों का संहार करना ऐश्वर्य लीला को दर्शाता है।
आज के प्रवचन में भगवान श्री कृष्ण के अवतार का प्रसंग बड़ा ही रोचक हुआ। सोहर एवं बधाईयां गाकर ज्ञानी जी ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर मृत्युजंय शर्मा ने मंच को संचालन किया। वहीँ यज्ञ कमिटी में मनोज शर्मा ,अजय शर्मा ,नारायण शर्मा ,गोरा शर्मा, गौतम शर्मा, आदि उपस्थित थे।
औरंगाबाद से धीरेन्द्र पाण्डेय की रिपोर्ट