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मानपुर संघर्ष मोर्चा ने मनाया स्वामी सहजानंद की पुण्यतिथि, व्यक्तित्व और कृतित्व की हुई सराहना

मानपुर संघर्ष मोर्चा ने मनाया स्वामी सहजानंद की पुण्यतिथि, व्यक्तित्व और कृतित्व की हुई सराहना

MUZAFFARPUR : आज मानपुर संघर्ष मोर्चा की ओर से समाज सुधारक क्रांतिकारी किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती की पुण्यतिथि लखीबाग मानपुर में मनाई गई. इस अवसर पर मानपुर संघर्ष मोर्चा के संयोजक राजीव कुमार कन्हैया ने कहा कि स्वामी जी किसानों के मसीहा थे. भारत में किसान आंदोलन को शुरू करने का श्रेय स्वामी सहजानंद सरस्वती को जाता है. 

उनका जन्म 22 फरवरी 1889 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के देवा गांव में महाशिवरात्रि के दिन हुआ था. उनके बचपन का नाम नवरंग राय था. उनके पिता सामान्य किसान थे. स्वामी सहजानंद सरस्वती ने विभिन्न मंचों पर शास्त्रार्थ कर प्रमाणित किया की भूमिहार भी ब्राह्मण ही हैं और हर योग्य व्यक्ति सन्यास ग्रहण करने की पात्रता रखता है. काफी शोध के बाद उन्होंने भूमिहार ब्राह्मण परिचय नामक ग्रंथ लिखा जो आगे चलकर ब्रह्मर्षि वंश विस्तार के नाम से सामने आया. इसके जरिए उन्होंने धारणा को सैद्धांतिक जामा पहनाया. 

सन्यास के तदोपरांत उन्होंने काशी और दरभंगा में कई वर्षों तक संस्कृत साहित्य व्याकरण न्याय और मीमांसा का गहन अध्ययन किया. स्वामी सहजानंद सरस्वती के समग्र जीवन पर नजर डाले तो मोटे तौर पर से तीन खंडों में बांटा जा सकता है. 26 जून 1950 को पटना में उनका निधन हो गया. 

उन्हें देश में हमेशा एक बुद्धिजीवी, लेखक, समाज सुधारक, क्रांतिकारी, इतिहासकार एवं किसान नेता के रूप में याद किया जायेगा. इस अवसर पर मुकेश नारायण, नवनीत कुमार, शैलेंद्र कुमार, मनोज कुमार, निरंजन कुमार, सतीश वर्मा, बृजेश कुमार, मुरारी कुमार, रंजन आदि अनेक लोग उपस्थित थे. इसके अलावे कई और लोगों ने स्वामी सहजानंद सरस्वती के ऊपर अपने विचारों को रखा. 

मुजफ्फरपुर से मनोज कुमार की रिपोर्ट 

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