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मानदेय बढ़ने से स्वास्थ्य संविदा कर्मियों में ख़ुशी का माहौल, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मियों में छाई मायूसी

मानदेय बढ़ने से स्वास्थ्य संविदा कर्मियों में ख़ुशी का माहौल, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मियों में छाई मायूसी

PATNA : राज्य सरकार ने स्वास्थ्य संविदा कर्मियों के मानदेय को बढ़ाया है, जिसमें कई स्तर के कर्मियों को 4000 से लेकर 40000 रुपये तक मानदेय की बढ़ोतरी हुई है. इसके लिए बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मचारी संघ ने सरकार को धन्यवाद दिया है. साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नियुक्त राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मचारी संघ के सचिव ने ललन कुमार सिंह ने यह कहा है की,राज्य सरकार ने एक बार फिर हम सभी संविदा कर्मियों के साथ छल किया है. हमारे मानदेय में आज भी किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की गई और न हीं किसी अन्य सुविधाओं की घोषणा की गई हैं. हम आज भी 12000, फार्मासिस्ट डिग्री प्राप्त कर्मी 15000 रुपये मात्र के मानदेय पर ही कार्यरत हैं. 

उन्होंने कहा की राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत पद के अनुरूप जो संविदा कर्मी कार्यरत हैं,उनके ही मानदेय में वृद्धि किया गया है. जबकि इनका भुगतान भी हमलोगों के तरह ही बिहार सरकार के ट्रेजरी रूट से व्यवसायिक संविदा सेवाएं मद से किया जाता है. उन्होंने कहा की राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कई कैटेगरी के पद हैं. जिनका आज भी मानदेय कम है और हम सभी अपने हक के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. जबकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नियुक्त स्वास्थ्य विभाग के व्यवसायिक संविदा सेवा के तहत ही भुगतान होने वाले कर्मी हैं. 

गौरतलब है कि पूर्व में कई बार सरकार से आग्रह करने के बाद कोई कार्रवाई न होता देख स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ के आह्वान पर सभी कर्मी राज्य स्तर से लेकर उप स्वास्थ्य केंद्र तक, होम आइसोलेशन मैं चले गए थे. तत्पश्चात उच्च न्यायालय पटना के आश्वासन एवं आग्रह पर सभी स्वास्थ्य संविदाकर्मि अपने कार्य पर लौटे हैं. उच्च न्यायालय द्वारा 4 सप्ताह में उचित कार्रवाई का निर्देश राज्य सरकार को दिया गया था. संविदा कर्मी संघ के सचिव ललन कुमार सिंह ने बताया कि राज्य सरकार(स्वास्थ्य विभाग) ने एक बार फिर हम लोगों के साथ छल किया है. 4 सप्ताह बाद उच्च न्यायालय में सुनवाई के बाद संघ द्वारा आगे का निर्णय लिया जाएगा. 

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