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क्राइम के लिए कुख्यात टाल इलाके में उतारे जा रहे हैं ड्रोन और रोबोट, अब टाल होगा मालामाल

क्राइम के लिए कुख्यात टाल इलाके में उतारे जा रहे हैं ड्रोन और रोबोट, अब टाल होगा मालामाल

पटना :  टाल के इलाके में अब ड्रोन और रोबोट उतारे जाएंगे ।इनका काम होगा किसानों को बेहतर किसानी करने में मदद पहुंचाना। गौरतलब है कि टाल क्षेत्र में 10 हजार एकड़ जमीन है। जिस पर खेती की जाती है। दलहन के लिए कटोरा कहे जाने वाले टाल इलाके में खेती को बेहतर करने के लिए सरकार ने यह निर्णय लिया है।

क्या करेंगे ड्रोन और रोबोट?
टाल इलाके में रोबोट और ड्रोन की मदद से खेती की शुरुआत कर दी गई है। ड्रोन और रोबोट की मॉनिटरिंग में खेती करने वाले किसानों के लिए किसान सेंटर भी खोला गया है। जहां 200 किसान रजिस्टर्ड भी किए गए हैं। बिहार का पहला किसान सेंटर मोकामा के थाना चौक में शुरू किया गया है। टाल इलाके के 10 हजार एकड़ जमीन पर ड्रोन और रोबोट के माध्यम से खेती की जाएगी ।ड्रोन और रोबोट के माध्यम से खेती के बारे में किसानों को सूचित किया जाएगा, साथ ही फसल खराब होने से पहले ही इसकी जानकारी किसानों को दे दी जाएगी। जो किसान किसान सेंटर से जुड़े रहेंगे उन्हें रोबोट फसल के प्रत्येक गतिविधि से संबंधित संदेश भी भेजा करेगा।

ड्रोन करेगा खेतों में कीटनाशक का छिड़काव
अब खेतों में कीटनाशक का छिड़काव ड्रोन के माध्यम से किया जाएगा ।इससे एक तो कीटनाशक की बचत भी होगी दूसरी तरफ सही मात्रा में फसलों पर कीटनाशक का छिड़काव होगा। मतलब फसल पर छिड़काव उतना ही किया जाएगा जितना जरूरी होगा। मधुबनी जिले के देवेश कुमार झा ने रोबोटिक्स और ड्रोन सिस्टम से खेती करने की तकनीक विकसित की है। देवेश की माने तो ड्रोन 1 दिन में करीब 30 एकड़ में कीटनाशक का छिड़काव करेगा ।ड्रोन के माध्यम से कीटनाशक के छिड़काव में सबसे बड़ा फायदा यह है कि वह इतने वैज्ञानिक तरीके से होता है कि उससे फसलों को नुकसान नहीं होता ।वह सीधे कीटनाशक को पौधों के पत्तियों पर रोग वाले स्थान को ही टारगेट करता है।

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