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मोतीहारी में गंडक नदी तटबंध टूटने से 70 हजार की आबादी प्रभावित, राहत में जुटे अधिकारी

मोतीहारी में गंडक नदी तटबंध टूटने से 70 हजार की आबादी प्रभावित, राहत में जुटे अधिकारी

MOTIHARI : बाल्मीकिनगर बराज से साढ़े चार लाख क्युशेक पानी छोड़ने से गंडक नदी में बढ़े जलस्तर के दबाव से पूर्वी चंपारण जिला के अरेराज अनुमंडल के चंपारण तटबंध भगनीपुर में गुरुवार की अर्ध रात्रि में टूट गया था . वही गंडक नदी में बढ़े जलस्तर के दबाव से गंडक तटवर्ती आरेरज प्रखंड के पांच पंचायत के दर्जनो गांव बाढ़ के चपेट में आ गए थे. प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार गंडक नदी में बढ़े जलस्तर व तटबंध टूटने से अनुमंडल क्षेत्र संग्रामपुर व अरेराज प्रखंड के लगभग 70 हजार आबादी प्रभावित है. 

बाढ़ से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने,शुद्ध पेयजल,गर्म पौष्टिक भोजन, उत्तम प्रकाश, सूखा राशन वितरण सहित सुविधा शत प्रतिशत देने के लिए जिला से लेकर अनुमंडल प्रशासन के अधिकारी दिन रात लगे हुए है .एसडीओ धीरेन्द्र कुमार मिश्र ने बताया कि बाल्मीकिनगर बराज से साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से गंडक नदी में बढ़े जलस्तर व दबाव के कारण तटबंध टूटने से संग्रामपुर व अरेराज प्रखंड के लगभग 70 हजार की आबादी प्रभावित है. बाढ़ प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर लाने व आवागमन सुचारू करने के लिए अरेराज में 23 व संग्रामपुर में 25 नाव लगाए गए है. तटबंध पर शरण लिए बाढ़ पीड़ितों के बीच अरेराज में 2960 व संग्रामपुर में 3600 प्लास्टिक सीट का वितरण किया गया है.

वही बाढ़ पीड़ितों को तत्काल राहत के लिए अरेराज में 40 क्विंटल चिवरा, 8 क्विंटल गुड़ व चीनी संग्रामपुर में 120 क्विंटल चिवरा,22 क्विंटल गुड़ व चीनी, 44 क्विंटल चना मोमबती व सलाई का वितरण किया गया है .विस्थापितो के शुद्ध पेयजल को लेकर अरेराज में 5 हजार व संग्रामपुर में दस हजार हैलोजन टैबलेट का वितरण किया गया है. एनडीआरएफ की तीन टीमो को लगाया गया है. जो बाढ़ पीड़ितों के 24 घंटा राहत सामग्री पहुँचाने, स्वास्थ्य व्यवस्था दिलाने के साथ सुरक्षित स्थान पर ले जाने में जुटे है. 

ऊचे स्थान पर शरण लिए विस्थापितो के लिए अरेराज में 11 व संग्रामपुर में 16 जेनसेट लगाए गए है .बाढ़ पीड़ितों को गर्म व पौष्टिक भोजन की सुबिधा को लेकर संग्रामपुर में 14 व अरेराज में दस सामुदायिक किचेन की व्यवस्था किया गया है. जहाँ बाढ़ पीड़ितों को समय से दोनो शाम गुणवत्ता के साथ भोजन कराया जा रहा है. बाढ़ प्रभावित फसलों की क्षति का आकलन का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. पानी कम होते ही खेतो का जियो टैंगिंग कर किसानों को मुआवजा दिलाने का कार्य शुरू किया जाएगा. बाढ़ पीड़ितों के घर मे अधिक समय से जलजमाव रहने की जांच रिपार्ट देने के लिए 14 टीमों का गठन किया गया है. जो तीन दिनों में अपना रिपोर्ट देगा. वही बाढ़ पीड़ितों की जांच के लिए ड्रोन कैमरा से सर्वे किया जा रहा है.

मोतिहारी से हिमांशु की रिपोर्ट 


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