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तवांग झड़प : राजनाथ सिंह ने संसद में कर दिया सबकुछ साफ, जानिए कैसे भारत के बहादुर जवानों के सामने भागने को मजबूर हुए चीनी सैनिक

तवांग झड़प : राजनाथ सिंह ने संसद में कर दिया सबकुछ साफ, जानिए कैसे भारत के बहादुर जवानों के सामने भागने को मजबूर हुए चीनी सैनिक

DESK. तवांग में भारत और चीन के बीच झड़प को लेकर विपक्ष संसद में जबरदस्त तरीके से हंगामा कर रहा है। इन सब के बीच लोकसभा के बाद अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में भी अपना बयान दिया है। राजनाथ सिंह ने साफ तौर पर कहा है कि पीएलए ने एलएससी पर अतिक्रमण की कोशिश की। भारतीय सेना ने इसका डटकर सामना किया। उन्होंने कहा कि 9 दिसंबर को यथास्थिति बदलने की एकतरफा कोशिश की गई। भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को रोक दिया। सेना ने चीनी सैनिकों को वापस लौटने पर मजबूर किया। 11 दिसंबर को दोनों देशों के बीच फ्लैग मीटिंग भी हुई है। हम इस मुद्दे को कूटनीतिक स्तर पर भी उठा रहे हैं। 

इसके साथ ही राजनाथ सिंह ने साफ तौर पर कहा कि इसे झड़प में हमारी सेना के किसी भी जवान की मृत्यु नहीं हुई है और ना ही कोई जवान गंभीर रूप से घायल हुआ है। दोनों देशों के जवानों के बीच हाथापाई जरूर हुई है। उन्होंने बार-बार इस बात को दोहराया कि भारतीय सेना ने चीनी फौज का जबरदस्त बहादुरी के साथ सामना किया और उन्हें वापस खदेड़ भेजा। इससे पहले रक्षा मंत्री ने लोकसभा में कहा था कि चीनी पक्ष को इस तरह के एक्शन के लिए मना किया गया और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया। इस मुद्दे को चीनी पक्ष के साथ कूटनीतिक स्तर पर भी उठाया गया है। 

राजनाथ ने साथ तौर पर कहा कि मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सेनाएं हमारी भौमिक अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और इसके खिलाफ किसी भी प्रयास को रोकने के लिए सदैव तत्पर हैंI मुझे विश्वास है कि यह सदन हमारी सेनाओं की वीरता और साहस को एक स्वर से समर्थन देगा। 

दूसरी ओर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा है कि इस बात में कोई शक नहीं है कि तवांग पर चीन की नजरें हैं और हमें बहुत सावधान रहने की जरूरत है। इस विषय पर हर पार्टी, हर व्यक्ति हमारी सेना के साथ है। कल जो भी हुआ वो हमारी तरफ से एक संदेश है कि हम हमारे प्रादेशिक अखंडता और संप्रभुता के लिए हमारे बीच एकता है।


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