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बच्चों की पढ़ाई के लिए स्टीयरिंग संभाल पीटी टीचर बने बस ड्राइवर

बच्चों की पढ़ाई के लिए स्टीयरिंग संभाल पीटी टीचर बने बस ड्राइवर

स्कूल में जबतक टीचर ना आए तब तक तो सब कुछ अच्छा लगता है लेकिन ब्रेक के बाद जब क्लास में दाखिल होना होता है तो वो किसी पनिशमेंट से कम नहीं होता है, और टीचर में जब पीटी टीचर की बात आती है तो उन्हें अक्सर लोग पसंद करते हैं क्युंकी उनके हिस्से में बस खेलकूद आता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे पीटी टीचर के बारे में बताने वाले है जिन्होंने बच्चों की पढ़ाई के लिए ड्राइवर की सीट संभाल ली.

ये पूरा मामला कर्नाटक के उडुपी का है. यहां के बराली हायर सेकेंड्री स्कूल में दिन पर दिन बच्चों की तादाद गिरती ही जा रही थी. ये बात स्कूल के फ़िजिकल एज़ुकेशन टीचर को खलती थी. इसका पता लगाने के लिए उन्होंने गांव वालो से बात की. गांव वालों ने बताया कि वे अपने बच्चों को उसी स्कूल में भेजते थे, जो बस की सुविधा उपलब्ध कराए, और उनके स्कूल के पास बस नहीं थी.

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आस-पास के गांव से स्कूल काफ़ी दूर थे और यहां जाने के बच्चों को कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था. ये जानने के बाद राजाराम ने अपने कुछ दोस्तों की मदद से एक स्कूल बस का इंतज़ाम किया. लेकिन ये काफी नहीं था, बस को चलाने के लिए ड्राइवर की जरुरत थी लेकिन स्कूल के पास उतना फण्ड नहीं था कि वे ड्राइवर को रख सके.

इसका समाधान भी टीचर ने निकाल लिया, राजाराम ने ही बस ड्राइवर का काम अपने हाथों में ले लिया. वे रोज़ बस चलाकर जाते और बच्चों को स्कूल लेकर आते. राजाराम पिछले 2 वर्षों से ये काम पूरी शिद्दत से करते आ रहे हैं. यही नहीं, वो अपने स्कूल के में बच्चों को गणित और विज्ञान भी पढ़ाते हैं. उनकी इस सराहनीय पहल का ही नतीजा है कि अब स्कूल में बच्चों की संख्या 60 से 90 हो गई है.

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