PATNA : प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों को मिलनेवाल मध्याह्न भोजन को लेकर सरकार जल्द ही बड़ा बदलाव करने जा रही है। राज्य सरकार अब अपने शिक्षकों को मिड डे मिल की जिम्मेदारी से पूरी तरह मुक्त करनेवाली है, ताकि वह सिर्फ शिक्षण कार्य पर ध्यान केंद्रित कर सकें। पिछले दिनों शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात के दौरान शिक्षकों को मिड डे मील योजना से अलग करने के लिए मांग की थी।
दरअसल, शिक्षकों को मिड-डे मील योजना से अलग करने संबंधी हाईकोर्ट ने आदेश दिया था, जिसके बाद प्रयोग के तौर पर राजधानी पटना के 25 हजार बच्चों को मध्याह्न भोजन देने के लिए स्वयंसेवी संस्था अक्षय पात्र और इस्कॉन को जिम्मेदारी दी गई है। जिसमें इस्कॉन के पास पटना के बांकीपुर, महेंद्रू और गुलजारबाग आदि क्षेत्रों के प्राथमिक और मध्य विद्यालय की जिम्मेदारी है।
वहीं अक्षयपात्रा को फुलवारीशरीफ इलाके के 51 स्कूलों और दानापुर, दीघा और पटना सदर के कुछ स्कूलों के लगभग 25 हजार बच्चों को मध्याह्न भोजन देने की जिम्मेदारी दी गई है। पिछले लगभग डेढ़ साल से कोरोना के कारण स्कूल बंद रहने से बच्चों को एमडीएम की राशि उनके खाते में दी जा रही है। इसके अलावा अलग-अलग जिलों में कुछ जगहों पर जीविका दीदी समूह तो कुछ जिलों में अन्य एनजीओ को एमडीएम की जिम्मेदारी दी गई थी।
शिक्षकों ने की थी मांग
शिक्षक संघ ने ही हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि मिड-डे मील योजना सहित अन्य कार्य से शिक्षकों को मुक्त रखा जाए, ताकि शिक्षक बच्चों की पढ़ाई पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकें।