पटना : एक बार फिर बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने पलटी मारी है.जीतन राम मांझी ने पलटी मारते हुए यह ऐलान कर दिया है कि वो ओवैसी के साथ मंच साझा नहीं करेंगे.कल तक मांझी हवा बना रहे थे कि वो 29 दिंसबर को किशनगंज में ओवैसी के साथ मिलकर नागरिकता कानून के खिलाफ सभा करेंगे, लेकिन 24 घंटे में ही मांझी ने यू-टर्न ले लिया है. मांझी ने कहा है अब वो 29 दिसंबर को हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण शामिल होंगे, इसलिए वो ओवैसी के साथ मंच साझा नहीं करेंगे.
आपको बता दें कि मांझी ने बिहार में मुस्लिम-दलित समीकरण बनाने को लेकर ओवैसी से हाथ मिलाने का प्रोग्रम सेट किया था. लेकिन समीकरण बनाने से पहले हीं वे एक बार फिर से राजनीतिक दबाव को देखते हुए अपने फैसले से पीछे हट गए हैं.
जानकार बताते हैं कि जीतन राम मांझी ने यू हीं अपने फैसले से नहीं पलटे हैं ब,ल्कि इसके पीछे लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव का दबाव काम किया है. जानकारों की माने तो राजद MY (मुस्लिम-यादव) के अलावा किसी और समीकरण को बिहार में एंट्री नहीं होने देना चाहता है. ऐसे में मांझी के ओवैसी से हाथ मिलाने की खबरों के बीच मांझी को इस बात का अहसास करवाया गया जिसके बाद मांझी अपने फैसले से पलट गए और 29 को हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में जाने का प्लान बना लिया.
आपको बता दें कि बिहार में उपचुनाव के वक्त भी जीतन राम मांझी ने महागठबंधन से अलग होने की बात कही थी, लेकिन कुछ दिनों बाद ही सियासी जमीन तलाशने में विफल रहने के बाद वो फिर से अपने फैसले से पलट गए और महागठबंधन की तारीफों के पुल बांधने लगे.