पटना. दरभंगा में एम्स निर्माण को लेकर केंद्र और बिहार सरकार के बीच चल रहे खींचतान के बीच रविवार को उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखा है. पत्र में तेजस्वी ने साफ किया है कि राज्य सराकर ने दरभंगा में जहाँ जगह चिन्हित की है वहीं एम्स का निर्माण कराएँ. साथ ही डीएमसीएच में अब जगह शेष नहीं रहने की बातें भी की गई हैं.
तेजस्वी ने पत्र में लिखा है कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दरभंगा हेतु राज्य सरकार द्वारा दरभंगा जिले के बहादुरपुर अंचल अंतर्गत एकमी शोभन - बाईपास पर अवस्थित भूमि संबंधी द्वितीय वैकल्पिक प्रस्ताव पर पुनर्विचार का अनुरोध किया गया था। उन्होंने कहा कि एम्स के लिए उपर्युक्त चिन्हित स्थल इस्ट-वेस्ट कोरिडोर से मात्र 3 कि०मी० पर एवं आमस - दरभंगा चार लेन सड़क से महज 5 कि०मी० की दूरी पर और दरभंगा एयरपोर्ट से मात्र 10 कि0मी0 की दूरी पर अवस्थित है, जिससे मरीजों को यहाँ पहुँचने में काफी कम समय लगेगा |
साथ ही एम्स की स्थापना शहर के बाहर होने की स्थिति में दरभंगा शहर के विस्तारीकरण के साथ नये इलाके के विकास का भी रास्ता सुगम होगा। वहीं उत्तर बिहार, मिथिलांचल और नेपाल के लोगों को उच्चस्तरीय इलाज की सुविधा प्राप्त हो सकेगी. दरभंगा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल और एम्स दोनों संस्थान के अलग - अलग बनने की स्थिति में दोनों अस्पताल विशेषज्ञ अस्पताल के रूप में विकसित हो सकेंगे।
तेजस्वी ने कहा है कि दरभंगा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में अब भूमि भी उपलब्ध नहीं है, क्योंकि राज्य सरकार द्वारा दरभंगा चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल को 2500 शय्या के अस्पताल के रूप में पुनर्विकसित करने हेतु 3115 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत की जा चुकी है एवं निविदा की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। विदित हो कि राज्य सरकार द्वारा एम्स निर्माण हेतु प्रस्तावित भूमि कुल रकवा 151.17 एकड़ में से 113.86 एकड़ भूमि एम्स, दरभंगा को निःशुल्क हस्तान्तरित की जा चुकी है और चिन्हित भूखण्ड पर मिट्टी भराई के लिए राज्य योजना से 309 करोड़ रुपये की योजना भी स्वीकृत की जा चुकी है ।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि उत्तर बिहार की जनता के व्यापक हित, राज्य में चिकित्सा सुविधा के सृदृढ़ीकरण हेतु अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दरभंगा की स्थापना राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित उपर्युक्त भूखण्ड के प्रस्ताव को स्वीकृत करने पर शीघ्र ही सकारात्मक निर्णय लेने की कृपा की जाए।