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मुख्यमंत्री की कुर्सी से केवल 2 कदम दूर हैं 'तेजस्वी', उप चुनाव के बाद पलट सकती है बाजी, गणित समझें....

मुख्यमंत्री की कुर्सी से केवल 2 कदम दूर हैं 'तेजस्वी', उप चुनाव के बाद पलट सकती है बाजी, गणित समझें....

PATNA: बिहार में अब महागठबंधन की सरकार है। नीतीश कुमार ने भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया है। महागठबंधन से हाथ मिलाकर नीतीश कुमार आठवीं दफे बिहार के मुख्यमंत्री बने और तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम की कुर्सी दी. नई सरकार ने सदन में अपना विश्वास मत भी हासिल कर लिया है। बिहार विधानसभा में भाजपा अकेला पड़ गई है। बाकी सभी दल सरकार के साथ हैं. बिहार विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 243 है। इनमें से 2 विधायकों का निधन हो चुका है। वर्तमान में विधायकों की कुल संख्या 241 है। आने वाले दिनों में 2 सीटों पर उप चुनाव होने हैं। उप चुनाव के बाद बिहार की राजनीति की पूरी तस्वीर साफ हो जायेगी। अगर उप चुनाव में राजद की जीत हुई तो तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनने से कोई नहीं रोक सकता।

दो सीटों पर होने वाला उप चुनाव काफी अहम

बिहार में आने वाले दिनों में फिर से राजनीतिक उठा-पटक हो इसमें कोई आश्चर्य नहीं। क्यों कि स्थिति उसी ओर जा रही है। वर्तमान में महागठबंधन सरकार को 165 विधायकों का समर्थन है। हालांकि विस में हुए वोटिंग में सरकार को 160 विधायकों का समर्थन मिला था। 5 विधायकों के अनुपस्थित रहने की वजह से संख्या 160 पर ही रह गई थी। विस में संख्या बल के हिसाब से महागठबंधन के पक्ष में 165 विधायक हैं। जबकि बीजेपी के पास सिर्फ 76 विधायक हैं। दो सीट खाली है। मोकामा से राजद विधायक रहे अनंत सिंह की सदस्यता खत्म हो गई है। वहीं गोपालगंज के बीजेपी विधायक सुबाष सिंह का हाल ही में निधन हो गया है। आने वाले दिनों में दोनों सीटों पर उप चुनाव होंगे। महागठबंधन में ये दोनों सीटें राजद कोटे की है। पूरी संभावना है कि मोकामा और गोपालगंज में होने वाले उप चुनाव में राजद के कैंडिडेट होंगे। 


गोपालगंज सीट बचाना भाजपा के लिए आसान नहीं  

 बिहार में खाली हुई दो सीटों में एक बीजेपी की है और एक राजद की। लेकिन इन दोनों सीटों पर हमेशा राजद ही अपना उम्मीदवार देते आई है। इस बार राजद के साथ जेडीयू भी गई है. वामपंथी दल पहले से ही साथ हैं। भाजपा के लिए अपनी सीटिंग सीट गोपालगंज बचाना बड़ी चुनौती होगी। ऐसे में राजद के दोनों कैंडिडेट की अगर जीत होती है तो तेजस्वी यादव को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। मुख्यमंत्री की कुर्सी इन्हीं दो सीटों पर टिकी हुई है। तब यह संख्या बढ़कर 167 पर पहुंच जायेगी। अकेले राजद के पास 81 विधायक होंगे। आप सोचेंगे कि 2 सीटों पर होने वाले उप चुनाव में अगर राजद की जीत होती है तो तेजस्वी मुख्यमंत्री कैसे बनेंगे। हम आपको बताते हैं...

इस गणित से तेजस्वी बनेंगे मुख्यमंत्री 

राजद अगर मोकामा और गोपालगंज दोनों सीटों पर चुनाव जीतती है तो विधायकों की कुल संख्या 81 हो जायेगी। राजद के साथ कांग्रेस के 19, माले-12,सीपीआई-2,सीपीएम-2 और एआईएमआईएम-1 विधायक हैं। इस तरह से यह संख्या 117 पर पहुंच रही है। 243 सदस्यीय विधानसभा में बहुत के लिए कम से कम 122 विधायकों का होना जरूरी है। यानी बहुमत से सिर्फ 5 विधायक कम हो रहे। ऐसे में इस कमी को जीतनराम मांझी की पार्टी 'हम' के 4 और निर्दलीय-1 विधायक मिलकर पूरी कर देंगे. यानी सरकार बनाने के लिए जेडीयू के 45 विधायकों के समर्थन की जरूरत नहीं होगी। तेजस्वी यादव बिहार में बिना जेडीयू-बीजेपी के सहयोग के मुख्यमंत्री बन सकते हैं. वर्तमान में जीतनराम मांझी की पार्टी हम जेडीयू की सहयोगी है. वहीं निर्दलीय सुमित कुमार सिंह भी जेडीयू के साथ हैं. लेकिन वो नौबत आती है तो ये लोग तेजस्वी यादव को समर्थन देने से पीछे नहीं हटेंगे . 


 

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