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तेजस्वी को याद आई रघुवंश प्रसाद की आखिरी चिट्ठी, कहा - उनकी मांगों को पूरा करें सीएम नीतीश कुमार, पटना में लगे प्रतिमा

तेजस्वी को याद आई रघुवंश प्रसाद की आखिरी चिट्ठी, कहा - उनकी मांगों को पूरा करें सीएम नीतीश कुमार, पटना में लगे प्रतिमा

PATNA : आगामी 13 सितंबर को मनरेगा मैन और राजद के सम्मानित नेता रहे रघुवंश प्रसाद सिंह की पहली बरसी है। ऐसे में एक बार फिर से सीएम नीतीश कुमार को लिखी गई उनकी आखिरी चिट्ठी पर चर्चा शुरू हो गई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को चिट्ठी में लिखी गई बातों को याद दिलाते हुए कहा कि उन्होंने जो मांगे की थी, सरकार को उन्हें पूरा करना चाहिए। इस दौरान उन्होंने रघुवंश प्रसाद सिंह और रामविलास पासवान की मूर्ति भी पटना में स्थापित कराने की बात कही। बता दें पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रैली के दौरान रघुवंश प्रसाद सिंह की उस चिट्ठी का जिक्र करते हुए उसे पूरा करने की बात कही था। 

दरअसल, रघुवंश प्रसाद की पहली बरसी पर आयोजित श्रद्धाजंलि कार्यक्रम के लिए उनके बेटे सत्य प्रकाश तेजस्वी को आंमत्रित करने पहुंचे थे। जिसके बाद तेजस्वी ने रघुवंश प्रसाद के सम्मान मे उक्त चिट्ठी का जिक्र किया। इस दौरान तेजस्वी ने राज्य सरकार के सामने राम विलास पासवान और रघुवंश प्रसाद को लेकर अपनी तीन मांगे ऱखी।

यह है तेजस्वी की मांग

तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार से जो तीन मांग की है, उनमें रघुवंश प्रसाद की आखिरी चिट्ठी में की मांग को पूरा करने, राम विलास पासवान और रघुवंश प्रसाद की पुण्यतिथि और जयंती को राजकीय कार्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए, साथ ही दोनों नेताओं की पटना में प्रतिमा स्थापित की जाए।

 


चिट्ठी में सीएम नीतीश कुमार से की थी यह मांग

रघुवंश प्रसाद सिंह ने बीते दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर बिहार को लेकर कई मांगें कीं थीं. मसलन, 15 अगस्त को मुख्यमंत्री पटना में और राज्यपाल विश्व के प्रथम गणतंत्र वैशाली में राष्ट्रध्वज फहराएं. इसी प्रकार 26 जनवरी को राज्यपाल पटना में और मुख्यमंत्री वैशाली गढ़ के मैदान में राष्ट्रध्वज फहराएं. उन्होंने मुख्यमंत्री को 26 जनवरी, 2021 को वैशाली में राष्ट्रध्वज फहराने की मांग की थी.

रघुवंश ने सीएम नीतीश कुमार को लिखी चिट्ठी में एक और मांग करते हुए कहा था, मनरेगा कानून में सरकारी और एससी-एसटी की जमीन में काम का प्रबंध है, उस खंड में आम किसानों की जमीन में भी काम होगा, जोड़ दिया जाए. इस आशय का अध्यादेश तुरंत लागू कर आने वाले आचार संहिता से बचा जाए.

रघुवंश प्रसाद ने भगवान बुद्ध के पवित्र भिक्षापात्र को अफगानिस्तान के काबुल से वैशाली लाने की भी मांग की थी. वहीं उन्होंने वैशाली के सभी तालाबों को जल-जीवन-हरियाली अभियान से जोड़ने का आग्रह किया था. गांधी सेतु पर गेट बनाने और उसपर ‘विश्व का पहला गणतंत्र वैशाली’ लिखने का आग्रह किया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने भी सीएम से किया था आग्रह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रघुवंश प्रसाद को याद किया था और उनकी मांगों को पूरा करने का आग्रह किया था। पीएम ने कहा था कि रघुवंश प्रसाद जीन ने बिहार के मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर विकास के कार्यों की सूची भी दी थी. बिहार के लोगों और बिहार की चिंता चिट्ठी में थी. मैं नीतीश कुमार से आग्रह करता हूं कि अपनी आखिरी चिट्ठी मे उन्होंने जो भावनाएं प्रकट कीं, उसे परिपूर्ण करने के लिए आप और हम मिलकर पूरा प्रयास करें. 

बहरहाल, रघुवंश प्रसाद के निधन के बाद बिहार सरकार ने चिट्ठी में की गई मांगों को भी भूला दिया और उनमें से किसी मांग पर अमल नहीं किया। अब उनकी बरसी पर एक बार फिर से तेजस्वी ने उन चिट्ठियों की याद ताजा कर दी है। 

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