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आईआरसीटीसी घोटाला में तेजस्वी यादव को लगा कोर्ट से झटका, 18 अक्टूबर को हाजिर होने के लिए किया तलब

आईआरसीटीसी घोटाला में तेजस्वी यादव को लगा कोर्ट से झटका, 18 अक्टूबर को हाजिर होने के लिए किया तलब

पटना/दिल्ली. आईआरसीटीसी घोटाले में आरोपित उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को कोर्ट से झटका लगा है. दिल्ली की अदालत ने बुधवार सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए तेजस्वी से जुड़े मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर तक टाल दी. हालांकि कोर्ट ने तेजस्वी यादव को तलब किया है. अब 18 अक्टूबर को तेजस्वी को कोर्ट में सशरीर हाजिर होना पड़ सकता है. आईआरसीटीसी घोटाला मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने तेजस्वी यादव को सीबीआई की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. कोर्ट ने समय देते हुए अब सुनवाई 18 अक्टूबर को इस मामले पर करेगी। CBI के द्वारा जमानत रद्द करने की मांग की गई थी। उसी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने तेजस्वी यादव को कोर्ट के सामने पेश होने के लिए कहा है।

दरअसल, आज दिल्ली की अदालत मेंउस याचिका पर सुनवाई हुईजिसमें बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को IRCTC घोटाला में दी गई जमानत को रद्द करने की मांग की गई है. सीबीआई ने तेजस्वी की ओर से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीबीआई अधिकारियों को धमकी देने के मामले को लेकर यह याचिका लगाई है. सीबीआई ने कहा है कि तेजस्वी यादव की जमानत रद्द की जाए, क्योंकि उन्होंने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है. पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई के आवेदन पर स्पेशल कोर्ट की जज गीतांजलि गोयल ने तेजस्वी यादव को नोटिस जारी करके मामले में जवाब मांगा था.

पूरा मामला तेजस्वी के पिता लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए आईआरसीटीसी के जुड़े होटलों के अनुबंध में कथित धांधली से जुड़ा है. उस समय तेजस्वी यादव के नाम पर भी सम्पत्ति हस्तांतरण होने का आरोप लगाया गया है. इसी मुद्दे पर वर्ष 2017 में सीबीआई ने तेजस्वी यादव पर शिकंजा कसा. हालांकि बाद में उन्हें जमानत दे दी गई. लेकिन एक बार फिर से कोर्ट ने तेजस्वी को अदालत में हाजिर होने के लिए तलब किया है. 

 लालू यादव के रेलवे मंत्री रहते हुए इस घोटाले में उनके परिवार के कई सदस्‍य फंस रहे हैं। लालू के छोटे पुत्र तेजस्‍वी यादव भी इनमें शामिल हैं। तेजस्‍वी यादव सहित दूसरे आरोपितों के खिलाफ सीबीआइ इस मामले में पहले ही आइपीसी की धारा 420, 120बी सह‍ित भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की अन्‍य धाराओं के तहत आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर चुकी है। न्‍यायिक सूत्रों के अनुसार, अगर सीबीआइ अपने आरोप कोर्ट के सामने सिद्ध करने में सफल होती है, तो तेजस्वी यादव को इस मामले में सात साल तक की सजा हो सकती है।


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