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ईडी के सामने दूसरी बार भी पेश नहीं होंगे तेजस्वी यादव, नौकरी के बदले जमीन मामले में आज होनी है पूछताछ

ईडी के सामने दूसरी बार भी पेश नहीं होंगे तेजस्वी यादव, नौकरी के बदले जमीन मामले में आज होनी है पूछताछ

 डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को ईडी ने पूछताछ के लिए समन जारी किया था, लेकिन आरजेडी सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार तेजस्वी यादव एक बार फिर ईडी के सामने पेश नहीं होंगे . 5 जनवरी को ईडी ने लैंड फॉर जॉब मामले में तेजस्वी को पूछताछ के लिए बुलाया है. पिछली बार भी जब ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था तो वह नहीं पहुंचे थे.   कथित तौर पर  राज्य सरकार के कार्यक्रमों में व्यस्तता के कारण तेजस्वी ईडी के सामने पेश नहीं होंगे. वह 6 जनवरी को पटना में खिलाड़ियों को नियुक्तिपत्र देने के कार्यक्रम में नीतीश कुमार के साथ मौजूद रहेंगे. बता दें कि इसके पहले दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल, झारखंड सीएम हेमंत सोरेन भी ED के बुलावे पर पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए हैं.

बता दें  इससे पहले तेजस्वी यादव को 22 दिसंबर और आरजेडी प्रमुख लालू यादव को धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बयान दर्ज कराने के लिए 27 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा गया था लेकिन दोनों लालू और तेजस्वी ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे. इससे बाद ईडी ने तेजस्वी यादव को 5 जनवरी को दिल्ली कार्यालय में पेश होने के लिए बुलाया था.

लैंड फॉर जॉब स्कैम का यह केस 14 साल पुराना है. उस वक्त लालू यादव रेल मंत्री थे. लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनकी जमीन लिखवा ली थी. बता दें लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे. सीबीआई ने इस मामले में 18 मई को केस दर्ज किया था. सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया.    

ईडी ने पहले एक बयान में दावा किया था कि कात्याल इस कंपनी के निदेशक थे, जब इसने लालू प्रसाद की ओर से अभ्यर्थियों से जमीन हासिल की थी. एजेंसी ने आरोप लगाया था कि कंपनी का पंजीकृत पता डी-1088, न्यूफ्रेंड्स कॉलोनी, नई दिल्ली है, जो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों का घर है. ईडी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव जब रेल मंत्री थे, तब उनके द्वारा अनुचित लाभ पहुंचाने के बदले में अमित कात्याल ने उक्त कंपनी में कई अन्य जमीन भी ली थीं. ईडी के अनुसार, भूमि प्राप्त करने के बाद, उक्त कंपनी के शेयर 2014 में लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को 'हस्तांतरित' कर दिए गए थे. पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया ईडी का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत से उपजा है. सीबीआई के अनुसार, नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी, लेकिन पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में विभिन्न जोनल रेलवे में नियुक्त किया गया था.

सीबीआई आरोप लगाया कि इसके बदले में, अभ्यर्थियों ने, सीधे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से, कथित तौर पर लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को अत्यधिक रियायती दरों पर जमीन बेची. पिछले कुछ महीनों में, ईडी ने इस मामले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनकी बेटियों मीसा भारती (राज्यसभा मेंराजद सदस्य), चंदा यादव और रागिनी यादव के बयान दर्ज किए हैं.

  


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