बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

तेजस्वी को घर में ही घेरने की हो गई पूरी तैयारी, रामा सिंह का 'प्रताप' क्या रघुवंश की समाजवादी छवि का कर पाएगा मुकाबला

 तेजस्वी को घर में ही घेरने की हो गई पूरी तैयारी, रामा सिंह का 'प्रताप' क्या रघुवंश की समाजवादी छवि का कर पाएगा मुकाबला

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच राजद को कई झटके मिल रहे हैं. लालू यादव के पुराने साथी और भरोसेमंद एक एक कर पार्टी को अलविदा कह रहे हैं. चुनाव के वक्त अब रघुवंश प्रसाद ने पार्टी को अलविदा कह दिया है. राजद के पुराने धुरंधरों का पार्टी से जाना इस चुनाव में तेजस्वी के लिए चुनौतियों को बढ़ा सकता है. सवाल ये है क्या रामा सिंह का प्रताप रघुवंश की समाजवादी छवि का मुकाबला कर पाएगा.

तेजस्वी को घर में घेरने की पूरी तैयारी
चुनाव का वक्त है. राजद चीफ लालू यादव जेल में हैं. ऐसे में तेजस्वी अपनी पार्टी के एकमात्र स्टार प्रचारक होंगे. उन्हें प्रदेश की सभी 243 सीटों के लिए रणनीति बनानी है. अमल कराना है. प्रचार करना है.  राजद प्रत्याशियों के साथ-साथ महागठबंधन के अन्य घटक दलों का भी ख्याल रखना है. ऐसे में भोला राय और पंछीलाल राय की जोड़ी उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र राघोपुर में ही घेर सकती है.  हल्ला तेज है कि दोनों में से किसी एक को जदयू का प्रत्याशी भी बनाया जा सकता है.  ऐसे में तेजस्वी की राह की मुसीबत बढ़ सकती है. विपक्ष की भी यह प्लान है कि तेजस्वी को राघोपुर में ही घेर लिया जाए. ताकि ज्यादा चुनाव प्रचार करने का मौका ही ना मिले.

RJD के रणनीतिकार कहीं खा ना जाएं मात
राजद के रणनीतिकारों को राघोपुर में तेजस्वी के औरे को बचाए-बनाए रखने के लिए रामा सिंह की दबंग छवि आकर्षित कर रही है. ऐसा माना जा रहा है कि रामा सिंह की दबंग छवि से तेजस्वी यादव को फायदा मिलेगा. इसके साथ ही तेजस्वी के कोर टीम के लोगों का यह मानना है कि रामा सिंह में वो काबिलियत है कि वो अपने बिरादरी वाला वोट ट्रांसफर करवा सकते हैं. लेकिन रघुवंश प्रसाद के जाने से तेजस्वी ही नहीं पार्टी के छवि पर भी बड़ा असर दिख सकता है. रघुवंश प्रसाद सिंह की समाजवाद छवि और इतना लंबा अनुभव तेजस्वी के साथ साथ पार्टी के लिए फायदेमंद हो सकता था. यही नहीं  कार्यकर्ताओं के दिल से जातिवाद की जटिलता ढीली पड़ जाती थी. अब तेजस्वी के समर्थकों को यही सारे तत्व रामा सिंह में तलाशने होंगे. फिलहाल रघुवंश प्रसाद की तबियत खराब है लेकिन उनका पार्टी पर हमला शुरू हो गया है. देखना होगा कि रघवंश प्रसाद की पोल खोल वाली पॉलिटिक्स से राजद कैसे खुद को उभार पाती है.

Suggested News