पटनाः तेजप्रताप यादव ने अपनी खुद की छात्र राजद इकाई को राजधानी पटना की सड़कों पर अनाथ छोड़ दिया।छात्र राजद के कार्यकर्ता अपने नेता के बिना सड़क पर तो उतरे लेकिन इनकम टैक्स गोलबंर तक आते-आते पुलिस ने उन्हें थाम लिया।पुलिस ने रोका तो वे अनाथ से दिखने लगे।आखिर अनाथ दिखें भी तो क्यों नहीं... उनका नेतृत्वकर्ता तो अपने समर्थकों का जुनून बढ़ाने की बजाए घर में बैठा आराम जो फरमा रहा था। बिना नेतृत्व के वही हुआ जो अबतक होते आया है। राजभवन मार्च तक जाने वाला छात्र राजद का मार्च आयकर गोलबंर तक जाते-जाते थक सा गया था।
यूं तो लालू के बड़े लाल तेजप्रताप अपने निर्णय और दिए बयानों से पलटने के लिए जाने जाते हैं।लेकिन छात्र राजद के साथ भी ऐसा हीं करेंगे यह छात्र राजद के कार्यकर्ताओं ने भी नहीं सोचा था।क्यों कि तेजप्रताप ने हीं एईएस के खिलाफ राजभवन मार्च का एलान किया था।उन्होंने खुद हीं कहा था कि वे राजभवन मार्च में शामिल होंगे। हालांकि उस दिन के बयान के बाद फिर उन्होंने खुद के मार्च में शामिल होने पर चुप्पी साध ली थी।तभी से ये कयास लगाए जा रहे थे कि तेजप्रताप एक बार फिर से पलटी मारने वाले हैं।
वहीं हुआ जिसका अंदेशा था ।इसबार उन्होंने अपने खुद के संगठन के साथ पलटी मारी है।क्यों कि वे छात्र राजद की राजनीति करते आए हैं।अभी हाल हीं में वे छात्र राजद का चुनाव अपने सरकारी आवास पर कराया था।
चुनाव में अपने सबसे खास सृजन स्वराज को प्रदेश राजद छात्र इकाई का अध्यक्ष बनवाया था।लेकिन तेजप्रताप ने दिन भर साए के साथ चिपके रहने वाले छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष सृजन स्वराज को भी सड़कों पर अनाथ छोड़ दिया।