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'बदतमीज' थानेदार का आतंक! राबड़ी आवास से लेकर विस परिसर तक में मचाया है उत्पात, विधायकों से भी की है धक्का-मुक्की

'बदतमीज' थानेदार का आतंक! राबड़ी आवास से लेकर विस परिसर तक में मचाया है उत्पात, विधायकों से भी की है धक्का-मुक्की

PATNA: राजधानी पटना में बदतमीज थानेदार का आतंक कायम है। थानेदार से आम से लेकर खास तक परेशान हैं। फिर भी सुशासन के जिम्मेदार अफसर वैसे थानेदार को लंबे समय से वीआईपी थाने में बनाये रखे हैं। सचिवालय इंस्पेक्टर सह थानाध्यक्ष की बदतमीजी की अनेकों खबरें सामने आ चुकी है। राबड़ी देवी के सरकारी आवास से लेकर विधानसभा और सचिवालय थाने में हरकत देखने-सुनने को मिल चुकी है। सोमवार को महिला कर्मी के साथ सचिवालय थानाध्यक्ष ने अपशब्द कहा। साल भर पहले बेलगाम थानाध्यक्ष राबड़ी आवास पर जाकर पुलिसकर्मियों से उलझ गये थे। तब माननीयों के बॉडीगार्ड ने थानेदार की हेकड़ी निकाल दी थी। राजद नेताओं की बात छोड़िए माननीयों के बॉडीगार्ड्स ने सचिवालय इंस्पेक्टर को खूब अपशब्द बोला था। तब बेलगाम थानेदार को वहां से पीछे हटना पड़ा.

पटना का बदतमीज थानेदार 

एक बार फिर से पटना के सचिवालय थाना के थानेदार चर्चा में हैं। थानाध्यक्ष सीपी गुप्ता का एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में वे एक महिला को अपशब्द कह रहे और थाने से भगा रहे। वो महिला सत्ता के गलियारे सचिवालय में सहायक के पद पर कार्यरत्त है। सोमवार को प्रीति कुमारी जो सचिवालय पटना में राजस्व विभाग में असिस्टेंट है वह मोबाईल छीनने का केस दर्ज कराने थाने गई थी. लेकिन थानाध्यक्ष ने केस दर्ज करने के बजाय महिला कर्मी से उलझ गये और अपशब्द बोला। थानाध्यक्ष ने केस दर्ज कराने गई महिला को थाने से निकाल दिया. महिला से कहा जाओ अपने बाप को बुलाओ....अपने बाप को बुलाओ । दरअसल, कर्मी प्रीति छुट्टी के समय शाम 5 बजे सचिवालय थाना के सामने सप्तमूर्ति के पास खड़े होकर बात कर रही थी। तभी दो बाइक सवार बदमाश प्रीति का मोबाइल झपट कर भाग गए। इसको लेकर प्रीति अपनी दोस्त के साथ सचिवालय थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने गई। प्रीति आवेदन की रिसीविंग की मांग रही थी। लेकिन थाने के कर्मी रिसीविंग देने को तैयार नहीं थे। पुलिस पहले जांच की बात कह महिला कर्मी को थाने से जाने को कही। लेकिन सचिवालय सहायक ने बिना रिसीविंग जाने से इंकार कर दिया। इसके बाद थानाध्यक्ष ने बहुत ही अभद्र व्यवहार किया। थानाध्यक्ष ने बदतमीजी करते हुए कहा कि भागो यहां से...जाओ न अपने बाप को बुलाओ। इसके बाद थानाध्यक्ष ने पीड़ित महिला को थाने से भगा दिया। 

राबड़ी आवास पर भी किया था हंगामा

सचिवालय थानाध्यक्ष की बदतमीजी कोई नई बात नहीं। आज से करीब एक साल पहले 21 जनवरी 2021 को सचिवालय थानाध्यक्ष ने राबड़ी आवास पर जाकर हंगामा किया था। पूर्व मुख्यमंत्री के हाउस गार्ड व विधायकों के अंगरक्षकों के साथ सचिवालय थाने के इंस्पेक्टर की झड़प हुई थी। इस दौरान सचिवालय थानाध्यक्ष और पुलिसकर्मियों के बीच खूब नोक-झोंक हुई. राजद नेताओं की बात छोड़िए बॉडीगार्ड भी थानेदार की वर्दी पकड़ कर खूब भला-बुरा कहा। बता दें, उस दिन तेजस्वी यादव के साथ आरजेडी  नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर बुलाई गई थी। बैठक में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता 10 सर्कुलर रोड़ आवास पर पहुंचे थे। सचिवालय थाने के इंस्पेक्टर वहां गश्ती पर थे .इस दौरान राबड़ी आवास पर मौजूद नेता और गार्ड से सचिवालय इंस्पेक्टर उलझ गए। राजद कार्यकर्ता और सुऱक्षाकर्मी इतने आक्रोशित हो गए कि सचिवालय थाने की पुलिस को पीछे हटना पड़ा. सचिवालय थाने की पुलिस का कहना था कि पेट्रोलिंग कर रही थी जब सड़क पर जमावड़ा देखा तो लोगों को हटाया गया.इसके बाद राजद के कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए।वहीं राजद नेताओं ने कहा कि पुलिस ज्यादती कर रही थी। 

थानेदार ने की धक्का-मुक्की, मीडिया से भी दुर्व्यवहार

वैसे, पटना के वीआईपी इलाके के थानाध्यक्ष का विवादों से गहरा नाता है। बिहार विधानसभा सत्र के दौरान भी इनकी हरत से सारे लोग परेशान थे। पिछले साल 2021 में उनकी हरकत से कई माननीय परेशान हो गये। इनकी शिकायत भी की गई थी। तब जाकर विधानसभा परिसर से इन्हें अघोषित रूप से अलग किया गया था। बात 25 फरवरी 2021 की है। सचिवालय थानाध्यक्ष ने माले विधायक के साथ सदन के बाहर धक्का-मुक्की की थी। यह मामला तब विधानसभा में भी उठा था। राजद नेता तेजस्वी यादव से पहले माले विधायक महबूब आलम ने सदन को अवगत कराया कि बुधवार को जब वह विधानसभा परिसर में मीडिया से बात कर रहे थे तो थानेदार ने आकर उनके साथ धक्का-मुक्की की। इतना ही नहीं मीडिया से भी थानेदार ने दुर्व्यवहार किया। महबूब ने उक्त थानेदार पर कार्रवाई की मांग की। इसपर स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि यह गंभीर मामला है। इसे देखा जाना चाहिए, जो नियम बनाया गया है, उसका अनुपालन होना चाहिए। उसमें जो भी बाधक बनेगा, उसके खिलाफ विशेषाधिकार हनन के तहत कार्रवाई होगी।

विधानसभा परिसर में थानेदार का आतंक 

शीतकालीन सत्र में भी सचिवालय थानाध्यक्ष की हरकत सामने आई थी। हालांकि इस बार अपरोक्ष रूप से। एक मंत्री ने तो विधानसभा में यह प्रश्न उठाया था कि उन्हें परिसर में रोक दिया गया। तब भारी बवेला मचा था। विस अध्यक्ष ने संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने को कहा । इसके बाद डीजीपी व गृह सचिव ने मामले की जांच की। लेकिन पटना एसएसपी-डीएम ने मंत्री से खेद जताया। तब जाकर मामला शांत हुआ था। 

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