GOPALGANJ : गोपालगंज सदर अस्पताल आए दिन सुर्खियों में रहता है। किसी न किसी सुर्ख़ियों को लेकर अस्पताल की किरकिरी होती रही है। एक बार फिर उस वक्त एक मामला सामने आया। जब सदर अस्पताल के ओपीडी विभाग में एक महिला चिकित्सक एक मरीज को घाव होने के बावजूद उस पर प्लास्टर लगाने की सलाह दे दी। डॉक्टर की बात सुनकर मरीज कुछ देर के लिए दंग रह गया। लेकिन कुछ ही देर बाद उसने बिना डॉक्टर से कुछ कहे अपना पर्ची उठाकर अस्पताल के ओपीडी के बाहर आ गया।
इस दौरान मरीज के परिजनों ने डॉक्टर द्वारा किये गए इस करतूत को लोगो को सुनाने लगे। पीड़ित मरीज उचकागांव प्रखण्ड के वृंदावन सदाशिव राय के टोला निवासी मोहन महतो के बेटा संदीप बताया जाता है। पीड़ित ने बताया कि तीन दिन पहले पैर पर गाड़ी के रिंग गिर जाने के कारण पैर सूज गया और उसमें मवाद भर गया। जिसे दिखाने के लिए सदर अस्पताल पहुंचे थे। जब डॉक्टर को दिखाया गया तो डॉक्टर ने बिना देखे ही उसपर कच्चा प्लास्टर चढ़ाने की सलाह देकर जाने को कहा। पीड़ित ने बताया कि जब पैर से मवाद निकल रहा हो तो प्लास्टर कैसे चढ़ाया जाएगा। यह सोच प्राइवेट में डॉक्टर से ईलाज कराने के लिए जा रहे है। यहां के डॉक्टर पर भरोसा नही है। बहरहाल सदर अस्पताल की व्यवस्था राम भरोसे है।
सदर अस्पताल आए दिन किसी न किसी मामले को लेकर चर्चा में बना रहा है। एक ओर जहां सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के बेहतरी की बात करते हैं। साथ ही कुशल चिकित्सकों की बात कर कर मरीजों का उचित इलाज करवाने का दावे करते हैं लेकिन उनके दावे उस वक्त खोखली साबित होती है जब चरमराई अस्पताल की व्यवस्था से आए दिन मरीज के परिजन हंगामा मारपीट करते रहे हैं।
गोपालगंज से मनान अहमद की रिपोर्ट