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प्रशासनिक अनदेखी का शिकार हुआ गुआरीडीह का पुरातात्विक स्थल, 80% हिस्सा नदी में समाया

प्रशासनिक अनदेखी का शिकार हुआ गुआरीडीह का पुरातात्विक स्थल, 80% हिस्सा नदी में समाया

भागलपुर. कला, संस्कृति व युवा विभाग की ओर से नवगछिया अनुमंडल के बिहपुर प्रखंड के गुआरीडीह काे पुरातात्विक स्थल के रूप में सुरक्षित घाेषित हुए चार माह बीत गए हैं, लेकिन उसकी सुरक्षा काे अब तक काेई ठाेस पहल नहीं हुई है। सब कागजाें पर ही चल रहा है। न कटाव से बचाव के काम हाे रहे हैं और न ही चहारदीवारी बनाई गई है। राेशनी भी व्यवस्था नहीं है। हालत यह है कि वहां तक जाने के लिए रास्ते भी अच्छे नहीं हैं। हालत यह है कि लगातार कटाव हाे रहा है। जानकारी के मुताबिक विशेषज्ञाें की टीम ने वहां का सर्वे किया था। अब जल्द खुदाई भी शुरू हाेने की संभावना है।

गुआरीडीह पर कटाव का खतरा मंडरा रहा है। मिले अवशेष के टील्हे को बचाने पूरब से पश्चिम की तरफ करीब 980 मीटर में 6 करोड़ से बचाव कार्य किया था। लेकिन इस साल आई बाढ़ के दाैरान उसका करीब 80% हिस्सा काेसी नदी में समा गया। टील्हे के पश्चिम में 200 मीटर के दायरे में कटाव जारी है। इससे एक बार फिर खतरा मंडरा रहा है। बताया जा रहा है कि अगर तत्काल बचाव कार्य नहीं हुआ तो कटाव में उस स्थल का और भी हिस्सा नदी में समा जाएगा।

बचाव कार्य के लिए भेजा प्रस्ताव

जल संसाधन विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अनिल कुमार ने बताया कि गुआरीडीह के बचाव के लिए विभाग को प्रस्ताव भेजा है। स्वीकृति मिलने के बाद काम शुरू होगा। नवगछिया एसडीओ यतेंद्र पाल ने बताया कि कटाव की जांच होगी। जरूरत पड़ी तो बचाव कार्य करवाएंगे। वहीं बिहपुर विधायक इंजीनियर शैलेंद्र ने कहा कि गुआरीडीह पुरातात्विक स्थल को हर हाल में सुरक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुआरीडीह को लेकर प्रशासन के पास मुद्दा उठाया था। एक्सपर्ट की टीम की जांच के बाद काम शुरू हाेगा।

पिछले साल मिले थे पुरातात्विक अवशेष

बता दें कि बिहपुर की जयरामपुर पंचायत के गुवारीडीह में कोसी नदी के कटाव से पुरातात्विक सामग्री और अवशेष मिले थे। इसके बाद 20 दिसंबर 2020 काे सीएम नीतीश कुमार ने पहुंचकर अवशेष देखा था। इसे लेकर जानकाराें ने बताया था कि यह इलाका प्राचीन सभ्यताओं से जुड़ा है। यहां मिले पुरातात्विक सामग्री 2500 वर्ष या उससे अधिक समय की होने की बात कही गई थी।

कटाव राेकने काे हाेगा बचाव कार्य

बिहपुर के गुआरीडीह काे पुरातात्विक स्थल के रूप में सुरक्षित किया गया है। नदी से कटाव के बचाव को बाढ़ से पहले काम हुआ था। कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ था, उसे ठीक भी कराया गया था। अगर फिर कटाव हाे रहा है ताे जल्द ही बचाव कार्य होगा।

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