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आत्मनिर्भर भारत का हैंडलूम उद्योग सबसे बड़ा उदाहरण, बुनकर को मुख्य धारा में लाने की है जरुरत : संजय सेठ

आत्मनिर्भर भारत का हैंडलूम उद्योग सबसे बड़ा उदाहरण, बुनकर को मुख्य धारा में लाने की है जरुरत : संजय सेठ

Ranchi : आज छठे हैंडलूम दिवस के मौके पर रांची बीजेपी सांसद संजय सेठ ने हेहल स्थित चाला अखड़ा खोडहा संस्थान जो हैंडलूम के द्वारा वस्त्र का निर्माण करते हैं वहां जाकर निरीक्षण किया और वहां के कामगार से मिलकर उन्हें प्रोत्साहित करते हुए इस अवसर पर सभी को बधाई दी।

वहीं संस्था द्वारा सांसद सेठ को यहां के निर्मित अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर सांसद सेठ ने संस्था को बधाई देते हुए कहा कि इस आधुनिक युग में हैंडलूम को जीवित रखने के लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं। 

सांसद सेठ ने कहा कि केंद्र सरकार मेक इन इंडिया के तहत हथकरघा उद्योग पर फोकस कर रही है। भारत में खेती के बाद सबसे ज्यादा रोजगार इस उद्योग से प्राप्त हुआ है। भारतीय हैंडलूम दुनिया की सबसे बढ़िया  हैंडलूम में जाना जाता है। झारखंड के हैंडलूम की डिमांड आज विदेशों तक है उत्तम क्वालिटी के  कपड़े गमछा, बंडी,वस्त्र ,आदिवासी परंपरागत वस्त्र ,पगड़ी ,एवं आकर्षक वस्त्रों का निर्माण लुम पर  किया जाता है। 

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत हैंडलूम उद्योग सबसे बड़ा उदाहरण है। आज सिर्फ इसे प्रमोट करने की जरुरत है। इस उद्योग से गांव के  कई लोगों को रोजगार मिल  रहा है। आज इसके द्वारा निर्मित वस्त्र आधुनिक वस्त्रों से कहीं भी कम नहीं है।

सांसद ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि प्रत्येक लोगों को इसके निर्मित कपड़ों एवं इनके द्वारा तैयार चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए। तभी हम प्रधानमंत्री जी की अपील लोकल पर वोकल का सपना हम पूरा कर सकेंगे।  उन्होंने कहा इसे विकसित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। 

रांची से मो. मोइजुद्दीन की रिपोर्ट

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