SRINAGAR : जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगने के
बाद अब सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों को मार गिराने के बाद खुद इन्हें दफनाने का
निर्णय किया है। स्थानीय युवाओं को घाटी में सक्रिय आतंकवादियों से जुड़ने से
रोकने के लिए, सुरक्षा एजेंसियों ने अब
मुठभेड़ के बाद आतंकवादियों के मृत शरीर को
खुद दफनाने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक़ कश्मीर घाटी में लश्कर, जैश और हिज्बुल के टॉप कमांडर के मारे जाने पर उनके शव को उनके परिवार को नहीं
सौपा जाएगा। बल्कि ऑपरेशन के दौरान ढेर किये जाने के बाद आतंकियों को अनजान जगह पर
दफन करने पर विचार हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक़ आतंकी कमांडरों के जनाजे में बड़ी संख्या में स्थानीय
युवा शामिल होंते हैं। जिनका ब्रेनवाश कर आतंकी कमांडर अलग-अलग आतंकी संगठन में
शामिल करने की कोशिश करते रहते हैं। ख़ुफ़िया एजेंसियों ने हाल में केंद्र सरकार को
एक रिपोर्ट दी थी, कि कश्मीर घाटी में आतंकी
जनाज़ों में आतंकी भर्ती का अभियान धड़ल्ले से चलता है। यही नहीं जनाजे में शामिल
आतंकी कमांडर युवाओं को व्हाट्सएप पर जनाजों के वीडियो भी भेजते हैं और उसका आतंकी
भर्ती में इस्तेमाल करते हैं। यही वजह है कि सुरक्षा एजेंसियां अब ऑपरेशन आल आउट
में ढेर किये गए टॉप आतंकी कमांडरों के शव उनके नजदीकियों को न देकर किसी गुप्त
स्थान पर दफन करने पर विचार कर रही हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार स्थानीय
युवाओं को आतंक की धारा में जाने से रोकने के लिए गृह मंत्रालय से मिली एक
एडवाइजरी के बाद यह फैसला लिया गया है। अगर अतीत पर गौर करें तो कश्मीर में इसके
पहले कई बार आतंकियों के जनाजे में मोस्ट वॉन्टेड कमांडरों के शामिल होने की
रिपोर्ट्स सामने आती रही हैं।
इसके अलावा जनाजों के बीच कई बार स्थानीय युवाओं के आतंकी संगठनों में शामिल
होने की बात भी सामने आ चुकी है। आतंकियों के शव को आईएस और पाकिस्तानी झंडों में
लपेटकर दफनाने की तस्वीरें सामने आने के बाद कई बार यह मांग उठ चुकी है कि
सार्वजनिक रूप से निकलने वाले इन जनाजों को रोका जाए। पूर्व में राज्य के डीजीपी
एस. पी. वैद ने भी यह कहा था कि जनाजे में इकट्ठा होने वाली भीड़ को रोकने के लिए
पुलिस कुछ रणनीतियों का निर्धारण कर रही है, जिससे कि कानून
व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखा जा सके। माना जा रहा है कि अब आतंकियों के शव को
खुद दफनाने का फैसला भी इसी रणनीति का एक हिस्सा है।
जनाजे में लगते रहें हैं देश विरोधी नारे
दरअसल, कश्मीर में इससे पहले भी आतंकियों के जनाजे की कई तस्वीरें और वीडियो वायरल हो चुके हैं। इन वीडियोज में कई बार मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों को एके-47 से हवाई फायरिंग करते, देश विरोधी नारे लगाते और युवाओं को बरगलाकर आतंक की धारा में शामिल कराते देखा जा चुका है। सूत्रों के मुताबिक जनाजे में कई बार स्थानीय युवा आतंकी संगठनों में शामिल होते रहे हैं, जिसके बाद इनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई हैं। इसके अलावा जनाजों में कई बार भड़काऊ भाषण भी दिए जाते रहे हैं। अब तक पुलिस ऐसे भाषणों पर एफआईआर तो दर्ज करती रही है लेकिन आतंकियों के जनाजे में शामिल होने के दौरान भीड़ के कारण इनके खिलाफ ऑपरेशन नहीं किया जा सका है।