नयी दिल्ली - सरकार ने तीन साल की अवधि के लिए 23वें विधि आयोग के गठन की अधिसूचना जारी की। सेवारत न्यायाधीश इसके अध्यक्ष और सदस्य होंगे। सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के मौजूदा जज अब भारतीय विधि आयोग के अध्यक्ष और सदस्य होंगे। केंद्र सरकार ने 23वें विधि आयोग के गठन को लिए जारी अधिसूचना में यह प्रावधान किया है। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट या उच्च न्यायालय से सेवानिवृत जज विधि आयोग के अध्यक्ष और सदस्य नियुक्त किए जाते रहे हैं।
केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक राष्ट्रपति ने 1 सितंबर, 2024 से 31 अक्टूबर, 2027 यानी 3 साल के 23वें विधि आयोग का गठन को मंजूरी दे दी है। आयोग में पूर्णकालिक अध्यक्ष के अलावा चार पूर्णकालिक सदस्य, 5 अंशकालिक सदस्य, मंत्रालय के विधि कार्य विभाग और विधायी विभाग के सचिव पदेन सदस्य नियुक्त होंगे। अधिसूचना के मुताबिक आयोग के अध्यक्ष और सदस्य सुप्रीम कोर्ट या उच्च न्यायालय के मौजूदा जज होंगे। इसमें कहा गया है कि उनका कार्यकाल 3 साल या सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में उनकी सेवानिवृति की तारीख में से जो भी पहले होगा। साथ ही कहा है कि आयोग में उनके कार्यकाल को वास्तविक सेवा मानी जाएगी और उन्हें सुप्रीम कोर्ट या उच्च न्यायालय में उनके वेतन के अतिरिक्त कोई पारिश्रमिक नहीं दिया जाएगा।
आयोग जटिल कानूनी मुद्दों पर सरकार को सलाह देता है। इसके गठन के बाद सरकार इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करती है। कल देर रात जारी एक आदेश के अनुसार, 22वें विधि आयोग का कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त हो गया और नये आयोग को एक सितंबर से गठित किया गया है।
मंत्रालय ने कहा है कि आयोग के अध्यक्ष/पूर्णकालिक सदस्य के रूप में नियुक्त व्यक्तियों की अन्य श्रेणी में आयोग के अध्यक्ष को 2.50 लाख रुपये प्रतिमाह वेतन और पूर्णकालिक सदस्य को 2.25 लाख रुपये वेतन के तौर पर दिया जाएगा।