PATNA : प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी संभालने के बाद तेजस्वी यादव (Deputy CM Tejashwi Yadav) मंगलवार रात अस्पतालों का जायजा लेने निकल पड़े। इस दौरान उन्होंने तीन अस्पतालों का निरीक्षण किया। इनमें पीएमसीएच भी शामिल था। सरकार बनने के बाद पहली बार तेजस्वी यादव पीएमसीएच पहुंचे थे। लेकिन बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच (PMCH) की व्यवस्था देखकर वे भौंचक रह गए। मरीजों व स्वजनों ने शिकायतों की झड़ी लगा दी। वहां न सीनियर डाक्टर थे, न कर्मी और दवाएं। इसपर उन्होंने काफी नाराजगी जाहिर की। कहा कि इस मामले में एक्शन लिया जाएगा। इससे पहले तेजस्वी दो दूसरे अस्पताल न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल व गर्दनीबाग अस्पाताल का भी निरीक्षण करने गए।
पीएमसीएच जाने के बाद उन्होंने कई जगह जाकर स्थिति देखी। लेकिन बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच (PMCH) की व्यवस्था देखकर वे भौंचक रह गए। मरीजों व स्वजनों ने शिकायतों की झड़ी लगा दी। वहां न सीनियर डाक्टर थे, न कर्मी और दवाएं। इसपर उन्होंने काफी नाराजगी जाहिर की। कहा कि इस मामले में एक्शन लिया जाएगा। इसके बाद वे टाटा वार्ड पहुंचे। वहां की स्थिति देख वे बिफर पड़े। मरीजों व उनके स्वजनों से बातचीत की तो उनलोगों ने कई शिकायतें की।
शिकायत के बाद गए थे निरीक्षण करने
निरीक्षण की बाबत डिप्टी सीएम ने बताया कि आज उन्होंने पीएमसीएच समेत गर्दनीबाग और गार्डिनर रोड अस्पताल का निरीक्षण किया। दो अस्पतालों में डाक्टर थे, कर्मचारी थे, दवाएं थी। लेकिन मरीज नहीं थे। जब वे पीएमसीएच पहुंचे तो अन्य जगहों की स्थिति तो ठीक थी। लेकिन टाटा वार्ड की स्थिति बदतर थी। उन्हें शिकायत मिली थी। इसके आधार पर वे निरीक्षण करने पहुंचे थे। जैसी शिकायत मिली थी, वह सही पाई गई। यहां बिहार के कोने-कोने से गरीब मरीज आते हैं। लेकिन उन्हें जैसे-तैसे छोड़ दिया गया था। न तो दवाओं की उपलब्धता थी और सीनियर डाक्टर थे। कर्मी भी नहीं मिले। इसके बाद उन्होंने अधीक्षक को बुलाया।
एक्शन की दी चेतावनी
तेजस्वी ने कहा कि सभी झूठ बोल रहे थे। उनका झूठ पकड़ा गया। जो लापरवाही बरती जा रही है, उसको लेकर एक्शन जरूर लिया जाएगा। वहीं डिप्टी सीएम के औचक निरीक्षण से अस्पताल में हड़कंप की स्थिति रही। आनन-फानन में डाक्टर व कर्मी अस्पताल पहुंचने लगे।