मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला के अरेराज प्रखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय चण्डीस्थान 99 में 38 बच्चे भूखे, हाथ में प्लेट लिए तिलमिलाते रहे. वहीं गुरुजी कागजी खनापूर्ति कर एमडीएम की राशि डाकरने में जुटे रहे. अरेराज बीडीओ जब राजकीय प्राथमिक विद्यालय का औचक निरीक्षण करने पहुंचे तो स्कूल की छोटे छोटे बच्चे की स्थिति देख भौचक रह गए. 38 बच्चे भूखे एमडीएम की खाना के लिए हाथ में प्लेट लेकर खड़े थे. किचेन में खाना खत्म हो चुका था. एचएम बच्चो की फर्जी उपस्थिति बनाने में जुटे थे. खाना खा रहे आधे बच्चो की थाली में दाल व सब्जी नहीं था. जिसको लेकर कार्रवाई करते हुए एचएम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया.
सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मध्यान भोजन स्कूल के एचएम के लिए कामधेनु गाय साबित हो रही है. शिक्षा विभाग के उच्चे अधिकारी तक कि मिलीभगत से बच्चों के निवाला को एचएम गटक जा रहे है. जांच के बाद कोई कर्रवाई नहीं होने से एमडीएम में भारी गड़बड़ी हो रही है. एक वर्ष में दर्जनों स्कूलों में एमडीएम में भारी गड़बड़ी का ममला बीईओ से लेकर वरीय पदाधिकारी के संज्ञान में आया. लेकिन सिर्फ स्पष्टीकरण की मांग कर ममला को रफा दफा कर दिया जाता है. स्पष्टीकरण मांग का खेल सिर्फ चढ़ावा के लिए किया जाता है.
बीडीओ मनोरंजन कुमार पांडेय द्वारा गुरुवार को प्रखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय चण्डीस्थान 99 का औचक निरीक्षण किया गया. एमडीएम में भारी अनियमित्ता को लेकर एचएम को निलंबित करने का निर्देश पंचायत सचिव को दिया गया. निरीक्षण में 114 बच्चे उपस्थित थे. जिसमें मात्र 76 बच्चे को एमडीएम का खाना दिया गया था. उसमें भी आधा से अधिक बच्चे के थाली में सब्जी व दाल नही दिया गया था. वहीं 38 बच्चे अपनी अपनी प्लेट लेकर कतार में भूखे खड़े थे. लेकिन एमडीएम का भोजन समाप्त हो चुका था. बीडीओ श्री पांडेय ने बताया कि स्कूल में कुल 114 बच्चे उपस्थित थे. लेकिन एमडीएम में मात्र 8 किलो चावल ,एक किलो दाल व दो किलो कद्दू की सब्जी बनाया गया था .एमडीएम कम मात्रा में बनने के कारण 38 छोटे छोटे बच्चे भूखे प्लेट लेकर खड़े थे.वही 76 बच्चे को एमडीएम का भोजन दिया गया था .उसमें 35 बच्चे के थाली में सब्जी नही था.वही 20 बच्चे के थाली में दाल गायब था.भूखे 38 बच्चो को बीडीओ द्वारा बिस्किट खरीदकर खिलाया गया.एमडीएम में घोर लापरवाही को लेकर स्कूल के एचएम को निलंबित करने के प्रस्ताव बनाने का निर्देश पंचायत सचिव को दिया गया.वही खुला में एमडीएम नही बनाने के सरकार निर्देश के बाद भी फुस के टूटे फूटे झोपड़ी में एमडीएम बनते पाया गया .जांच के समय उपस्थित ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों द्वारा आरोप लगाया गया कि कम बच्चे को एमडीएम खिलाकर विभागीय मेलजोल से राशि का गबन कर लिया जाता है