PATNA : शनिवार को राजधानी पटना में एक अजीब इत्तेफाक की घटना हुई। कोरोना से मरे मरीजों के डेथ सर्टिफिकेट में आ रही परेशानी को लेकर सीएम नीतीश कुमार यह निर्देश दे रहे थे कि उसे डाक के द्वारा रजिस्टर्ड किया जाएगा, इसके लिए नगर निगम के चक्कर नहीं नहीं काटने होंगे। इसी समय नगर निगम में एक नया गुला खिलाया जा रहा था। यहां 1643 आवेदन कचरे में डंप किए जा रहे थे। जिसके बाद नगर निगम की व्यवस्था पर सवाल उठने शुरू हो गए। मामले में जब विवाद बढ़ा तो मेयर सीता साहू ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि यह सभी आवेदन त्रुटीपूर्ण थे।
7 बंडल में फेंके गए आवेदन
पटना नगर निगम की मेयर सीता साहू को शिकायत मिल रही थी कि निबंधक द्वारा जन्म और मृत्यु के आवेदनों में त्रुटि बताकर डंप किया जा रहा है। मेयर ने इस गड़बड़झाले में 1643 आवेदनों को बरामद किया है। इसे 7 बंडल बनाकर फेंका गया था। आयुक्त ने इस गंभीर मामले में उप नगर आयुक्त को 3 दिन में जांच का आदेश दिया है। आयुक्त ने इस मामले की जांच उप नगर आयुक्त राकेश कुमार झा को सौंपी है। बताया गया कि इसे निबंधक द्वारा अप्रसंगिक त्रुटि बताकर डंप करने का काम किया गया था। आयुक्त ने इस मामले की जांच उप नगर आयुक्त राकेश कुमार झा को सौंपी है।
नगर निगम की व्यवस्था की खुली पोल
जिस तरह से नगर निगम में डेथ और बर्थ सर्टिफिकेट बनाने के लिए आवेदनों के कचरे की तरह डंफ किया गया, उसके बाद यहां की व्यवस्था सच्चाई सामने आ गई है। शहर की सफाई करने में नाकाम नगर निगम अब आवेदनों की सफाई करने में जुटी हैं।