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भागलपुर में एनएच 80 की स्थिति बद से बदतर, 2005 से अब तक 142 करोड़ खर्च लेकिन नहीं सुधरे हालात

भागलपुर में एनएच 80 की स्थिति बद से बदतर, 2005 से अब तक 142 करोड़ खर्च लेकिन नहीं सुधरे हालात

BHAGALPUR : रास्ते से लोग ऐतिहासिक विक्रमशिला विश्वविद्यालय को जाते थे कहलगांव बटेश्वर स्थान जाते थे अब उस रास्ते से जाने की सोच लोगों की रूह कांप जाती है। दरअसल हम बात कर रहे हैं एनएच 80 की..

भागलपुर के सबौर से कहलगांव तक एनएच 80 सड़क गड्ढे में है या फिर गड्ढे में सड़क ये मालूम नहीं पड़ता। मानो गाँव के खेत की पगडण्डी हो। और आश्चर्य की बात ये की 2005 से अब तक एनएच 80 को दुरुस्त करने में 142 करोड़ खर्च हो गए लेकिन सड़क ऐसी की ट्रकों के अस्थिपंजर तक हिल जाते हैं। गर्दो गुब्बार से ओत प्रोत एनएच 80 में अगर जाम में फँस गए तो लोग ऊपरवाले को याद करने लगते हैं। इस सड़क ने अब तक कई ज़िन्दगियों को खत्म कर दिया। दशकों से जिले के लोगों को सड़क दिखी ही नहीं, दिखा तो सिर्फ खतरनाक गड्ढे, जाम में फँसे वाहन और हिचकोले खाते टेम्पो..हालात ये है कि 25 किलोमीटर की दूरी तय करने में चार घण्टे लग जाते हैं। और इस चार घण्टे में शरीर का पुर्जा पुर्जा हिल जाता है। कई दफा इसका टेंडर हुआ लेकिन एनएच 80 एनएच के तरह नहीं बन पाया। 

बने तो सिर्फ राजनीतिक मुद्दे...

2021 में एनएच 80 का टेंडर हुआ लेकिन फिर ये रद्द हुआ उसके बाद अब फिर टेंडर प्रक्रिया शुरू है एजेंसी आ गयी है। लेकिन इस बीच सबसे दिलचस्प बात यह कि 2018 में एनएच 80 को दुरुस्त करने के लिए राशि निकासी की गई लेकिन सड़क बना ही नहीं राशि की बंदरबांट हो गयी। 2005 से 2022 तक के खर्च का खुलासा करने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट अजित कुमार सिंह ने बताया कि एक अगस्त 2018 को तत्कालीन कमिश्नर ने एनएच 80 का निरीक्षण किया। 

दस किमी सड़क बनी ही नहीं, पैसे का हो गया भुगतान, RTI से हुए खुलासा

निरीक्षण के दौरान पाया गया कि 133 से 143 किलोमीटर के मध्य सड़क बना ही नहीं लेकिन इसकी राशि निकाल दी गई थी। इसके संबंध में आयुक्त ने जवाब मांगा था। लेकिन कुछ दिनों में उनका स्थानांतरण हुआ। उसके बाद मामला रफा-दफा हो गया।

अजीत सिंह ने 2005 से 2022 तक के खर्च का 66 पेज का ब्यौरा निकाला है। अब तक योजना और गैर योजना राशि  के तहत 142 करोड खर्च हो चुके हैं लेकिन सड़क की हालत बदतर है। आम जनजीवन ऐसी स्थिति से परेशान है। जिन्हें सबौर से इंग्लिश या फिर उसके आगे तक जाना हो तो उन्हें  दूसरा विकल्प भी नहीं है इसी रास्ते से मजबूरन जाते हैं और सरकार के प्रति आक्रोशित भी नजर आते हैं।

वहीं जिलाधिकारी सुब्रत सेन ने कहा कि एनएच 80 के लिए एजेंसी आ गई है। पिछले वर्ष टैंडर किसी कारणवश कैंसिल हो गया था। अब नापी की जा रही है।  नए सिरे से कंक्रीट सड़क बनना है। अब तक सिर्फ गड्ढे भरने का काम किया जा रहा था लेकिन अब 2 महीने से काम शुरू हो जाएगा और एनएच 80 आवागमन के लिए बेहतर हो जाएगा बहरहाल कब तक जिले के लोगों को गर्दो गुब्बार व हिचकोलों से राहत मिलती है सरकार कब तक इसे नए शीरे से बनाने का काम करती है यह देखना शेष है। 

REPORTED BY BAL MUKUND KUMAR


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