बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के गृह जिले के सदर अस्पताल का हाल बेहाल, डॉक्टर के बदले नर्स करती है मरीज का इलाज, परिजनों ने लगाया आरोप

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के गृह जिले के सदर अस्पताल का हाल बेहाल, डॉक्टर के बदले नर्स करती है मरीज का इलाज, परिजनों ने लगाया आरोप

GOPALGANJ : जिले के सदर अस्पताल के प्रसूति वार्ड में महिला डॉक्टर नहीं, बल्कि नर्स द्वारा इलाज  किया जाता है, ये हम नहीं बल्कि मरीज के परिजनों का आरोप है। आलम यह है कि 12 घंटा बाद जब अस्पताल में डॉक्टर पहुंचे तब मरीज का इलाज संभव हो सका। दरअसल आईएसओ से प्रमाणित सदर अस्पताल की व्यवस्था राम भरोसे है। लेकिन सबसे ज्यादा प्रसूति वार्ड में इसकी एक बानगी अक्सर देखने को मिल जाती है। आए दिन डॉक्टर के गैर हाजिरी का खमियांजा प्रसव कराने के लिए आने वाली महिला मरीजों को भुगतना पड़ता है। 

ताजा मामले की बात करें तो पिछले दिन जिले के सिधवलिया प्रखंड के बरहीमा गांव निवासी मिंटू देवी प्रसव कराने के लिए सुबह पांच बजे सदर अस्पताल के प्रसूति वार्ड में अपने परिजनों के साथ पहुंची थी। लेकिन डॉक्टर के नहीं रहने के कारण नर्स द्वारा उसका चेकअप किया गया। मरीज की बहन ने बताया की  सुबह पांच बजे से शाम छः बज गए। लेकिन डॉक्टर नहीं पहुंचे। सिर्फ एक नर्स द्वारा उसे देखा गया गया। मरीज की स्थिति खराब होती जा रही है। लेकिन डॉक्टर का कोई अता पता नहीं है। उन्होंने बताया की जब मरीज का ईलाज नहीं करना था तो पहले ही बता देना चाहिए था। ताकि हम लोग प्राइवेट में मरीज को लेकर जा सके। लेकिन यहां कोई कुछ बताने वाला नही है। मजबूरन प्राइवेट क्लीनिक में अपने मरीज को लेकर चले गए थे। बाद में जब डॉक्टर आए तो बुलाया गया है जिसके बाद यहां पर फिर पहुंचे है। तब जाकर ईलाज शुरू हुआ है। 

वही इस संदर्भ में सदर अस्पताल के डीएस शशि रंजन ने बताया की ऑन ड्यूटी डॉक्टर की तबीयत अचानक खराब हो गई थी। इसलिए वे अपने ड्यूटी पर नहीं पहुंच सकी थी। हालांकि डॉक्टर कुंदन को भेजा गया था। जिसने सिजिरियन कर प्रसव कराए थे। वही उन्होंने बताया कि हम लोगो ने सिविल सर्जन को  पत्र लिखा है। हमारे यहां तीन महिला डॉक्टर है। दो रेगुलर और एक डिप्टेशन पर है। रात में ऑन कॉल उन लोगो को बुलाया जाता है। इसके अलावा सर्जन से काम लिया जा रहा है। उन्हें कहा की सरकार को भी महिला चिकित्सक के बहाली के लिए पत्र लिखा गया है। 

साथ ही दो नवजात बच्चे की मौत मामले में उन्होंने कहा की डॉक्टर के लापरवाही से किसी भी बच्चे की मौत नहीं हुई है। उन्होंने कहा की पेट में ही बच्चे की मौत हो चुकी थी। अल्ट्रासाउंड के बाद यह देखा गया था। जिसे सिजीरियन कर निकाला गया था। दूसरे बच्चे के परिजनो को  सिजेरियन के लिए बोला गया था। लेकिन परिजन नॉर्मल डिलीवरी कराना चाहते थे। जिसके बाद बच्चे ने गंदा पानी पी लिया। इस के बाद प्रसव हुआ। बच्चे की स्थिति खराब होने के कारण उसे रेफर किया गया। लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। जिसमे  डॉक्टर की कोई लापरवाही नही है। हालांकि उन्होंने कहा की एक और विडियो के बारे में जानकारी मिली है की कुछ नर्स द्वारा ड्यूटी के दौरान कंप्यूटर पर फिल्म देख रही थी। जिसके जांच बैठाएंगे और वेतन रोकेंगे।

गोपालगंज से मनान अहमद की रिपोर्ट

Suggested News