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त्रिवेणीगंज नगर परिषद का हाल बुरा : बिचौलियों के गोद में छटपटा रहे हैं विकास के काम, एक हस्ताक्षर करने को लेकर ऑपरेटर के द्वारा वसूली जाती है मोटी रकम

त्रिवेणीगंज नगर परिषद का हाल बुरा : बिचौलियों के गोद में छटपटा रहे हैं विकास के काम, एक हस्ताक्षर करने को लेकर ऑपरेटर के द्वारा वसूली जाती है मोटी रकम

TRIVENIGANJ/SUPAUL :  लोगों को लंबे इंतजार के बाद जिले के त्रिवेणीगंज नगरपरिषद का दर्जा मिला। शहरवासियों को उम्मीद जगी कि अब उन्हें शहरी सुख सुविधा आसानी से मिलने लगेगी। लेकिन नगर परिषद कार्यालय में बैठे कर्मी अवैध वसूली का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बभंगामा पंचायत भवन में नव नगर परिषद कार्यालय की है. जहां कार्यालय में बैठे कर्मी घनश्याम कुमार के द्वारा राशन कार्ड बनवाने वाले आवेदन पर हस्ताक्षर करने के नाम आवेदन पर पांच- पांच सौ रुपये लिए जाते हैं इतना ही नहीं घनश्याम के द्वारा लाभार्थी को कहा जाता हैकि लिए गए  रुपये विभाग को जमा किया जाता है।

पैसे दो तो करुंगा साइन

 जिसका खुलासा लतौना  उत्तर निवासी शांति देवी ने किया है. वही शांति देवी ने बताया कि हम दो महिला के साथ राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन लेकर प्रखंड कार्यालय में बैठे चर्चित देवराज कुमार के पास गए. ऑपरेटर देवराज कुमार ने आवेदन लिया फिर उन्होंने कहा आप आवेदन लेकर नगर परिषद कार्यालय से हस्ताक्षर करा कर लाना होगा. उसके बाद हम दो महिलाओं ने नगर परिषद कार्यालय पहुंचे जहां कार्यालय में मौजूद घनश्याम को आवेदन दिए हम लोगों ने कहा राशन कार्ड बनवाना है। इस पर हस्ताक्षर कर दीजिए हस्ताक्षर करने के नाम पर कार्यालय में बैठे घनश्याम में एक आवेदन पर पांच -पांच की रुपए मांग की कहां रुपया लेकर विभाग को जमा किया जाता है। महिला ने कहा कि हम लोगों ने कहा पैसा नहीं है. उसके बाद ऑपरेटर घनश्याम ने कहा बिना पैसा का हस्ताक्षर नहीं किया जाएगा जिसके बाद  लोगों ने किसी तरह टटोल कर उनको पैसे दिए फिर आवेदन पर घनश्याम हस्ताक्षर किया।

मीडिया को देखते ही लौटा दिए पैसे

 इस बात की भनक पत्रकारों को लगी पत्रकारों ने फोन कर ऑपरेटर घनश्याम से पूछा गया कि हस्ताक्षर कराने के नाम पर कितना पैसा लिए जाते हैं. वही घनश्याम के द्वारा बताया गया कि ऑफिस में मौजूद हम नहीं थे. अगर किसी ने पैसा इनका लिए होंगे तो  वापस कर दिया जाएगा। खबर में प्रकाशित नही करिएगा. कुछ ही देर आनन-फानन में ऑपरेटर घनश्याम ने उस महिला को पैसे वापस कर दिए जबकि उस महिला ने कार्यालय में बैठे ऑपरेटर को पहचान भी लिए थे कि घनश्याम इसी का नाम है. 

आपको बता दें कि दोनों महिला महादलित परिवार से आते हैं जबकि उनकी जाति चमार बताए जाते हैं। अब सवाल उठता है, कि बिहार के मुखिया नीतीश कुमार महादलित परिवार को लाभ पहुंचाने के लिए हर तरह की सुविधा मुहैया करा रहे हैं. लेकिन के उन्ही के कर्मी बिहार सरकार के मसूबे पर पानी फिरते नजर आ रहे हैं .आखिर इस तरह के ऑपरेटर पर कौन करेगा कार्रवाई जो विभाग के नाम पर पैसे की उगाही करते हैं और बिहार  सरकार को बदनाम करने में जुटे हुए अब देखना लाजिमी होगा कि इस तरह के कर्मी पर क्या कार्रवाई हो पाते हैं,

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