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पूरी तरह से बदल जाएगा आज से देश का क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम, लागू हो गए 3 नए क्रिमिनल लॉ, सरकार ने पहले हीं जारी कर दिया है नोटिफिकेशन

पूरी तरह से बदल जाएगा आज से देश का क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम, लागू हो गए 3 नए क्रिमिनल लॉ, सरकार ने पहले हीं जारी कर दिया है नोटिफिकेशन

नई दिल्ली-  तीन नये आपराधिक कानूनों को देश भर में लागू कर दिया गया है. आज यानी सोमवार से पूरे देश में कानून प्रभावी हो गए हैं.  तीन नई आपराधिक कानून से भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव आने की बात कही जा रही है. अज के बाद औपनिवेशिक काल के कानूनों का अंत हो गया है. 

 केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने की अधिसूचना पहले हीं जारी कर दी गई है. इन कानूनों को आज यानी 1 जुलाई, 2024 से लागू करने की अधिसूचना जारी की गई थी.  ये तीनों नए आपराधिक कानून भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम की जगह लागू हुए हैं. 

बता दें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीनों कानूनों को दिसंबर में ही मंजूरी प्रदान कर दी थी. तब ये तीनों विधेयक कानून बन गए थे. इन्हें लागू करने की अधिसूचना केंद्र सरकार ने जारी कर दी गई है. भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम अब पुराने भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम की जगह लें लिए हैं. 

बता दें कि भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम जो अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है, उससे अब लोगों को छुटकारा मिल गया है.  नए कानून में मॉब लिंचिंग, नाबालिग से गैंगरेप जैसी घिनौनी हरकतों के लिए आजीवन कारावास और फांसी तक की सजा का प्रावधान है.

केंद्र ने शनिवार को नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि भारत के तीन नए आपराधिक कानून 1 जुलाई 2024 से लागू होंगे. ये तीन नए कानून भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय न्याय संहिता 2023, 1 जुलाई 2024 हैं. नए कानून शीतकालीन सत्र के दौरान संसद द्वारा पारित किए गए थे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को कानूनों पर अपनी सहमति दी थी. राज्यसभा में कानूनों के पास होने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि संसद में पारित तीनों विधेयक, अंग्रेजों द्वारा लागू किए गए कानूनों की जगह लेंगे और एक स्वदेशी न्याय प्रणाली का दशकों पुराना सपना साकार होगा.''

नए कानूनों के अनुसार, केस रिकॉर्ड की तलाशी और जब्ती की वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग होनी चाहिए. इस उद्देश्य के लिए, दिल्ली पुलिस का ई-प्रमाण एप्लिकेशन जांच अधिकारियों (आईओ), पीसीआर अधिकारियों, यातायात कर्मियों और अन्य फील्ड अधिकारियों की मदद के लिए विकसित किया गया है.

यदि किसी कारण से एप्लीकेशन के उपयोग से संबंधित कोई तकनीकी समस्या है, तो अधिकारी तलाशी और जब्ती प्रक्रिया को रिकॉर्ड करने के लिए उस समय मौजूद किसी भी फोन या वीडियो रिकॉर्डिंग डिवाइस का उपयोग कर सकता है… हालांकि, इसका उपयोग केवल आकस्मिकता के दौरान ही किया जा सकता है.’

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