DESK: भारत और नेपाल सीमा विवाद का बड़ा असर बिहार पर पड़ सकता है. इस बार नेपाल की वजह से बिहार में जल प्रलय हो सकता है. दरअसल नेपाल सरकार ने पूर्वी चम्पारण के ढाका अनुमंडल में लाल बकेया नदी पर बन रहे तटबंध के पुर्निर्माण कार्य को रोक दिया है. बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने इसकी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि गंडक के बांध के लिए मरम्मत कार्य की अनुमति नहीं मिल रही है.
मालूम हो कि ललबकेया नदी 'नो मैंस लैंड' का हिस्सा है. गंडक बैराज के 36 द्वार हैं, जिनमें से 18 नेपाल में हैं. भारत के हिस्से में पहले से 17वें फाटक तक के बांध की हर साल की तरह इस साल भी मरम्मत की जा चुकी है. वहीं नेपाल के हिस्से में पड़ने वाले 18वें से लेकर 36वें फाटक तक बने बांध की मरम्मत नहीं हो सकी है.क्युंकि नेपाल बांध मरम्मत के लिए सामग्री ले जाने नहीं दे रहा है. नेपाल उस क्षेत्र में अवरोध डाल दिए हैं. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है.
अब बांध के मरम्मत नहीं होने से बिहार में जल प्रलय का खतरा मंडराने लगा है. ऐसे ही कुछ हालात 2017 में हुआ था. उस वक्त ललबकेया नदी में आयी प्रलयंकारी बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसकी मरम्मति का कार्य भी चलता रहा है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि इससे पहले जब भी नेपाल बांध की मरम्मती के काम में अडंगा लगाता था तब भारतीय और नेपाली अधिकारी मिल बैठ मामले को सुलझा लेते थे. लेकिन इस बार वैसा कुछ होता हुआ नहीं दिख रहा है.
आपको बता दें कि कुछ दिनों से भारत और नेपाल के बीच सीमा पर विवाद चल रहा है.नेपाल के नए नक्शे को लेकर मामला पहले से ही खराब था ही और अब यह नेपाल की नई हरकत ने बिहार के लिए मुसीबत खड़ा कर दिया है.अब देखना होगा कि इस मामले पर सरकार क्या कदम होता है.