PATNA : क्या आपको मालूम है कि हर असंभव काम को कौन संभव बना सकता है. सवाल का जवाब तलाशने में आपको भले ही थोड़ी मशक्कत करनी पड़े लेकिन बिहार के परिवहन विभाग के अधिकारी चुटकी में कोई भी काम को करके दिखा सकते हैं. बस उनकी जेब गर्म होनी चाहिए. परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार के मामले, कुछ इस कदर सामने आ रहे हैं कि मानो विभाग में केवल एक ही फॉर्मूला चलता है...पैसे दिखाओ और कोई भी काम कराओ.
लक्ष्मी नारायण में विभाग के अधिकारियों की आस्था कुछ ऐसी है कि सरकारी कायदे – कानून को ताक पर रखकर कोई भी आदेश जारी कर दें. हद तो तब हो गयी जब एक जिले के MVI ने राज्य के ही दूसरे जिले के थाना में जब्त गाड़ी का फिटनेस सर्टिफिकेट बिना जांच किए ही जारी कर दिया. अब मामला सामने आया है तो MVI साहब की बोलती बंद है.
क्या है मामला
दरअसल मामला मुजफ्फरपुर के मोटरयान निरीक्षक (MVI) दिव्य प्रकाश से जुड़ा है. MVI ने सारे नियमों की अनदेखी कर एक ऐसे ट्रक का फिटनेस सर्टिफिकेट जारी कर दिया जिसे मोतिहारी जिले के रक्सौल थाने ने 1 अगस्त 2018 से ही जब्त कर रखा है. MVI साहब दिव्य प्रकाश ने गाड़ी संख्या BR06G 2467 का फिटनेस सर्टिफिकेट पुलिस द्वारा जब्त किए जाने के बाद जारी किया. रक्सौल पुलिस ने जिस ट्रक को 1 अगस्त 2018 को जब्त किया, मुजफ्फरपुर MVI ने उसके दो दिन बाद यानी 3 अगस्त 2018 को उसी ट्रक का फिटनेस दे दिया.
दरअसल मोतिहारी के रक्सौल थाना क्षेत्र में उस ट्रक ने 1 अगस्त 2018 की शाम एक व्यक्ति को रौंद दिया था, जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गयी थी. घटना के बाद रक्सौल पुलिस ने उस ट्रक को जब्त कर लिया था. लेकिन अपनी रिपोर्ट में MVI ने लिखा है कि मैंने मुजफ्फरपुर में 3 अगस्त को ही उस गाड़ी की जांच की है और जांच में गाड़ी फिट पायी गयी. इसलिए उस वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया जाता है. फिटनेस देने के लिए 3 अगस्त को बाजाप्ता ऑनलाइन फी भी ली गयी जिसकी रसीद संख्या -180800001329 है. अब MVI दिव्य प्रकाश को रक्सौल थाने में खड़ी ट्रक मुजफ्फरपुर में कैसे दिख गयी यह तो वही बता सकते हैं. लेकिन सबूत के तौर पर न्यूज़4नेशन आपको मोतिहारी में दर्ज पुलिस रिपोर्ट और मुजफ्फरपुर MVI की तरफ से जारी फिटनेस रिपोर्ट दिखा रहा है.
फिटनेस सर्टिफिकेट का क्या है नियम
वाहन जिस जिले से निबंधित होता है वहां के MVI सड़क पर गाड़ी की जांच कर उसका फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करते हैं. थाना में जब्त वाहन का फिटनेस या किसी तरह का अन्य कोई सत्यापन संबंधित जिले के कोर्ट के आदेश पर जिले के परिवहन कार्यालय से जारी होता है. इस मामले में भी रक्सौल पुलिस ने 9 अगस्त 2018 को मोतिहारी के MVI को पत्र लिखकर जब्त किए गए ट्रक का यांत्रिक प्रतिवेदन मांगा था.
आरोपी MVI को नहीं सूझ रहा था जवाब
न्यूज़4नेशन ने जब MVI दिव्य प्रकाश से इस मामले पर सवाल किया तो पहले उन्होंने अनभिज्ञता जताई. इसके बाद कहने लगे कि वो अभी हाल ही में आए हैं. इसके बाद इसकी जांच कराने की बात करने लगे. बाद में यह भी कहा की रिपोर्ट गलत हो सकता है. लेकिन जब हमने यह कहा कि उसपर आपका नाम और हस्ताक्षर है, इसपर अधिकारी महोदय को कोई जवाब ही नहीं सूझ रहा था.
परिवहन विभाग में है घालमेल
न्यूज़4नेशन ने कुछ दिन पहले पटना DTO और उनके कर्मियों के फर्जीवाड़े का भी खुलासा किया था. जहां निबंधन में बड़े स्तर पर गड़बड़ी की गई थी. लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारी सबकुछ जानने के बाद भी सिर्फ जांच और कार्रवाई की बात करते रहे. शायद अधिकारियों की पहुंच का ही नतीजा है कि हर घालमेल के बावजूद इनपर कोई कार्रवाई नहीं होती. अब देखना होगा कि इस खुलासे के बाद विभाग के अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं ?
पटना से विवेकानंद की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट